23 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

आजादी का अमृत महोत्सव’ से नई पीढ़ी को स्वतंत्रता संग्राम और उसके शहीदों के बारे में जानने में मदद मिलेगी: श्री मेघवाल

देश-विदेश

केंद्रीय संस्कृति और संसदीय मामलों के राज्य मंत्री, श्री अर्जुन राम मेघवाल ने नई दिल्ली के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) में कल “आजादी का अमृत महोत्सव” के हिस्से के रूप में अमर शहीद ‘चंद्रशेखर आजाद’ के जीवन पर केंद्रित प्रदर्शनी “आजाद की शौर्य गाथा” का उद्घाटन किया। इस दौरान आईजीएनसीए द्वारा मनाए जा रहे तीन दिवसीय ‘कलाकोष प्रतिष्ठा दिवस’ समारोह के दूसरे दिन पुस्तकों और वृत्तचित्रों का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता आईजीएनसीए ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री राम बहादुर राय ने की। इस अवसर पर वाराणसी के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर हरे राम त्रिपाठी; आईजीएनसीए के सदस्य सचिव डॉ सच्चिदानंद जोशी; कलाकोष विभाग की अध्यक्ष डॉ. सुषमा जाटू सहित अन्य अतिथि उपस्थित थे।

संस्कृति राज्य मंत्री ने इस अवसर पर कहा, ‘‘ आजादी का अमृत महोत्सव’ के त्योहार के माध्यम से देश की युवा पीढ़ी को पता चलेगा कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान कितने लोग शहीद हुए थे। स्वतंत्रता संग्राम में बड़ी संख्या में कमजोर वर्गों के लोगों ने भी अपनी जान गंवाई जिसके बारे इतिहास में कभी नहीं लिखा गया। यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी हैं जिन्होंने हमारे देश की आजादी के 75 साल मनाने के लिए ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ नाम दिया है। प्रधानमंत्री ने सभी मंत्रालयों/विभागों को देश भर में स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के अवसर पर अपने-अपने कार्यक्रम तैयार करने को कहा है। ”https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image0023SLY.jpg

अपने भाषण में, श्री राम बहादुर राय ने कहा, हालांकि भारत 1947 में स्वतंत्र हुआ, लेकिन स्वतंत्रता संग्राम पर एक महत्वपूर्ण जोर 1857 में दिया गया था। इसलिए, ये दोनों वर्ष और बीच की अवधि ‘स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव’ के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

इस अवसर पर डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ मनाने के लिए संस्कृति मंत्रालय द्वारा कार्यक्रमों की एक श्रृंखला आयोजित की जा रही है, और उसी श्रृंखला के एक भाग के रूप में ‘आजाद की शौर्यगाथा’ ‘कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।

डॉ जोशी ने कहा कि यह संयोग ही है कि आज गुरु पूर्णिमा है और इसी दिन कलाकोष विभाग का वार्षिक उत्सव होता है। ‘कला तत्वकोष’, ‘कला मूलशास्त्र’ और ‘कला समालोचना’ के अंतर्गत तैयार किए गए आवश्यक एवं प्रामाणिक ग्रंथों को संक्षिप्त एवं आसान रूप में लाने का प्रयास किया जा रहा है जो युवा विद्वानों की सुविधा के लिए सरल भाषा में उपलब्ध होगा। डॉ. जोशी ने कहा, “इसके लिए हम आज से ‘शास्त्र अमृतम’ नामक नई परियोजनाओं की एक श्रृंखला शुरू करने जा रहे हैं, जिसके तहत हम अपनी साहित्य पुस्तकों एवं ग्रंथों के संक्षिप्त और सरल संस्करण प्रस्तुत करेंगे। शुरुआत में हम दस ग्रंथों का कार्य कर रहे हैं और अगले एक वर्ष के भीतर 12 संक्षिप्त संस्करण प्रस्तुत करेंगे। ग्रंथों का संक्षिप्त, सरल रूप युवा शोधकर्ताओं और विद्वानों के लिए बहुत उपयोगी साबित होगा।”

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More