लखनऊः उत्तर प्रदेश के सिंचाई एवं सिंचाई (यांत्रिकी) मंत्री श्री धर्मपाल सिंह ने आज सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के मुख्यालय का आकस्मिक निरीक्षण किया। निरीक्षण में 69 अधिकारी एवं कर्मचारी अनुपस्थित पाये गये।
सिंचाई मंत्री श्री धर्मपाल सिंह ने प्रमुख अभियन्ता एवं विभागाध्यक्ष को निर्देश दिया कि सभी अनुपस्थित लोगों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाये। उन्हांेने कहा कि अनुपस्थित पाये गये लोगों द्वारा संतोषजनक जवाब न दे पाने पर एक दिन का वेतन काट कर कठोर कार्यवाही की जायेगी।
सिंचाई मंत्री ने बताया कि कल मा0 मुख्यमंत्री जी ने बाढ़ से प्रभावित जनपदों के अधिकारियों की समीक्षा की थी जिसमें निर्देश दिया था कि सभी अधिकारी समय रहते सचेत हो जायें। मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिया है कि बाढ़ प्रभावित जनपदों को सभी वित्तीय स्वीकृतियां जारी कर दी गयी है इसलिए 15 जून तक बाढ़ से निपटनें की तैयारियों को पूर्ण कर लिया जाये। उन्होंने कहा बाढ़ चैकियों, साँप काटने की दवाओं, पशु एवं जन-धन हानि को रोकने के लिए सभी आवश्यक तैयारी की व्यवस्था को सुनिश्चित करें।
सिंचाई मंत्री ने बताया कि मा0 मुख्यमंत्री जी के निर्देशों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए ही आज आकस्मिक निरीक्षण किया गया। उन्होंने कहा कि यदि मुख्यालय पर ही अधिकारी/कर्मचारी समय से कार्यालय नहीं आयेंगे तो बाढ़ तैयारियों की माॅनिटरिंग ठीक ढंग से नहीं हो पायेगी। उन्होंने कहा कि जिले के अधिकारियों की माॅनिटरिंग के लिए मुख्यालय के अधिकारियो का समय से कार्यालय पहँुचना अत्यन्त आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग आम जनता से जुड़ा हुआ विभाग है इसलिए हम लोगों का प्रयास है कि जनहित के कार्यों को प्राथमिकता से निपटाया जायें। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही क्षम्य नहीं होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार गरीबों, किसानों एवं आम जनता के हित को देखते हुए कदम उठा रही है।
सिंचाई मंत्री ने फाइलों के रख-रखाव एवं गन्दगी को देखकर गहरा रोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि कही भी गन्दगी नहीं होनी चाहिए। साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें तथा कही भी पान-मसाला खा के न थूकें। उन्होंने कहा कि यदि कोई पकड़ा जाये तो जुर्माना वसूला जाये। उन्होंने कहा कि कार्य शैली में सुधार पाये जाने पर प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया जायेगा। निरीक्षण के समय प्रमुख अभियन्ता एवं विभागाध्यक्ष श्री भूपेन्द्र शर्मा भी उपस्थित थे।