लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा है कि बाबा साहब डॉ0 भीमराव आंबेडकर दुनिया के कोटि-कोटि वंचितों, पीड़ितों, शोषितों तथा प्रताड़ितों के उद्धार की आवाज हैं। जीवन को नई दृष्टि देने वाले तथा नई दिशा देकर वंचितों के जीवन में खुशहाली लाने के लिए जिस एक नाम की चर्चा होती है, वह नाम बाबा साहब डॉ0 भीमराव आंबेडकर का है। इसीलिए हम लोग इस महामानव का स्मरण उनकी जयंती तथा महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर करते हैं। समाज रचना से जुड़े हुए तथा राष्ट्र के सशक्तिकरण के लिए उठाए जाने वाले किसी भी बड़े अभियान में बाबा साहब के स्मरण के बिना सभी कार्य अधूरे माने जाते हैं।
मुख्यमंत्री जी आज भारतरत्न बोधिसत्व बाबा साहब डॉ0 भीमराव आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर यहां भारतरत्न बोधिसत्व बाबा साहब डॉ0 भीमराव आंबेडकर महासभा परिसर में आयोजित विशेष श्रद्धांजलि सभा में उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करने के उपरान्त अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने डॉ0 आंबेडकर महासभा परिसर में स्थापित तथागत बुद्ध की प्रतिमा पर माल्यार्पण तथा डॉ0 आंबेडकर के अस्थि कलश पर पुष्पांजलि भी अर्पित की। उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने उस कालखण्ड में सैकड़ों वर्षों से चली आ रही कुप्रथाओं को समाप्त करने का कार्य किया। दलितों, वंचितों तथा शोषितों को अधिकार दिलाने के लिए उनके द्वारा किये गये प्रयास अभिनन्दनीय हैं। भले ही उन्होंने अनेक अन्याय और अत्याचार सहन किये, लेकिन उनके कार्य देश तथा समाज के लिए थे। वह देश के वंचित तथा शोषित वर्ग के लिए अन्तिम समय तक लड़ते रहे। इस वर्ग को न्याय दिलाने में उन्हें सफलता प्राप्त हुई।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बांग्लादेश में कट्टरपंथियों द्वारा हिन्दू, बौद्ध व अन्य अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है। जिन्ना का जिन्न इस धरती पर जब तक रहेगा तब तक इस प्रकार की अराजकताएं लगातार होती रहेंगी। वर्ष 1947 में किए गए देश के विभाजन के दुष्परिणाम अब बांग्लादेश में सामने आ रहे हैं। वहां मारे जाने वाले ज्यादातर लोग दलित वर्ग से सम्बन्धित हैं। बाबा साहब ने वर्ष 1946-47 में देश की जनता को विभाजन के दुष्परिणामों के बारे में आगाह किया था।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि याद करिए कि वर्ष 1947 में पाकिस्तान तथा बांग्लादेश में हिन्दुओं की कितनी आबादी थी। बांग्लादेश में वर्ष 1971 तक 22 प्रतिशत हिन्दू निवास करता था। आज यह संख्या घटकर 06 से 07 प्रतिशत रह गई है। यदि ऐसे ही अत्याचार चलता रहा, तो यह संख्या और भी सीमित हो सकती है। आवाज उठनी प्रारम्भ हुई है, लेकिन यह आवाज उनकी है, जो यहां दलितों के हितों के लिए काम कर रहे हैं और करना चाहते हैं। जो लोग दलितों को अपना वोट बैंक बनाकर लगातार उनका शोषण कर रहे, वह लोग बांग्लादेश की घटना पर मौन बने हुए हैं।
जब हैदराबाद के निजाम के रजाकारों द्वारा दलितों के गांव जलाये जा रहे थे तथा उनका शोषण किया जा रहा था, तब बाबा साहब ने हैदराबाद के निजाम की रियासत से सम्बन्धित सभी दलितों के लिए एक खुला पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने कहा था कि कि दलित निजाम की रियासत को छोड़कर देश के अन्य हिस्सों में चले जाएं, लेकिन किसी भी स्थिति में अपना धर्म न बदलें। यह बाबा साहब का संकल्प था।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 1946-47 में जब पाकिस्तान तथा हैदराबाद के निजाम द्वारा बाबा साहब को प्रलोभन देने का प्रयास किया गया तो वह अपने आदर्शों से तनिक भी विचलित नहीं हुए। डॉ0 आंबेडकर ने कहा कि वह पहले व अन्त में भारतीय हैं। यदि जन्म भारतीय के रूप में लिया है, तो अन्तिम यात्रा भी भारतीय के रूप में ही होगी। उन्होंने आजीवन इस व्रत का पालन किया। जिन लोगों ने बाबा साहब के बताए हुए रास्ते का पालन किया, वह देश में सुरक्षित हैं। आरक्षण का लाभ प्राप्त कर रहे हैं। सरकार उन्हें प्रत्येक प्रकार की सुविधाएं व लाभ उपलब्ध करा रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में जीरो पॉवर्टी के लक्ष्य के साथ कार्य कर रही है। सरकार दलितों, वंचितों तथा शोषितों के लिए जो कुछ कर रही है, वह बाबा साहब के सपनों को साकार करने का अभियान है। शौचालय, आवास, आयुष्मान कार्ड, राशन कार्ड, जमीन के पट्टे, पेंशन, छात्रवृत्ति, शुल्क प्रतिपूर्ति आदि सुविधाएं इसी अभियान का हिस्सा हैं। जिनके पास यह सुविधाएं अभी तक नहीं पहुंची हैं, सरकार उन तक यह सभी सुविधाएं पहुंचाने का कार्य करेगी। इसके माध्यम से असमानता तथा गरीबी को समाप्त कर प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में खुशहाली लाने का कार्य किया जा सकेगा। यही बाबा साहब डॉ0 भीमराव आंबेडकर का सपना था। इस सपने को साकार करने के लिए डबल इंजन सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बाबा साहब के जीवन पर शोधकार्य हो सके तथा उनके दर्शन को घर-घर तथा गांव-गांव तक पहुंचा सकें, इसके लिए लखनऊ में ‘भारतरत्न डॉ0 भीमराव आंबेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केन्द्र’ की स्थापना के बड़े कार्य को लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं। प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से लखनऊ में आंबेडकर महासभा की मांग पर इस स्मारक एवं केन्द्र की स्थापना का कार्य किया जा रहा है। इसमें बाबा साहब का भव्य स्मारक, ऑडिटोरियम, लाइब्रेरी, छात्रावास, अतिथिगृह आदि सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। यहां बाबा साहब के जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रदर्शित करते हुए संविधान की मूलप्रति भी उपलब्ध कराई जाएगी।
संविधान की आत्मा उसकी प्रस्तावना होती है। यदि आत्मा शरीर से निकल जाए तो शरीर मृत हो जाता है। वर्ष 1975 में आपातकाल के समय संविधान की आत्मा से खिलवाड़ किया गया। आपातकाल बाबा साहब, संविधान के विशेषज्ञों तथा निर्माताओं अपमान था। जो शब्द मूल संविधान में नहीं थे, उन शब्दों को बाबा साहब के संविधान में डालने का कुत्सित कार्य किया गया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्वतंत्र भारत में बाबा साहब के पंचतीर्थों को स्थापित करने का श्रेय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को जाता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने के अभियान में, प्रत्येक गरीब तथा वंचित वर्ग को अधिकार दिलाने तथा बाबा साहब के सपनों का भारत बनाने के लिए किए जाने वाले प्रयासों में हम सभी सहभागी बनेंगे।
उप मुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक, समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री असीम अरुण, उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति तथा जनजाति आयोग के अध्यक्ष श्री बैजनाथ रावत, विधान परिषद सदस्य श्री लालजी प्रसाद निर्मल ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया।
इस अवसर पर लखनऊ की महापौर श्रीमती सुषमा खर्कवाल, विधायक श्री ओ0पी0 श्रीवास्तव, श्री रामचन्द्र प्रधान सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
इसके पूर्व, मुख्यमंत्री जी ने हजरतगंज स्थित भारतरत्न बोधिसत्व बाबा साहब डॉ0 भीमराव आंबेडकर जी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।