देहरादून: बाबा साहिब अम्बेडकर ऐसे महापुरूष थे जिन्हें हम अपने जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में महसूस करते हैं। आर्थिक, सामाजिक, विधि सभी क्षेत्रों में आज भी लगता है जैसे
डा. अम्बेडकर हमारे साथ खड़े हैं और हमारा मार्गदर्शन कर रहे हैं। रविवार को बाबा साहिब अम्बेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर श्रद्धांजलि देते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि संविधान के प्रति निष्ठा रखकर बाबा साहिब द्वारा दिखाए मार्ग पर चलने का प्रयास करना चाहिए।
घंटाघर स्थित बाबा साहिब अम्बेडकर की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित कर मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि आज के उन्नत व आधुनिक भारत में जब असहिष्णुता की बात हो रही है तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि उस समय कुरितियों व रूढि़वादिता के खिलाफ संघर्ष करने में बाबा साहिब को कितना विरोध का सामना करना पड़ा होगा। परंतु महात्मा गंाधी, बाबा साहिब व पं.नेहरू ने मिलकर देश व समाज को रूढि़वादिता से निकालकर एक नए भारत का मार्ग प्रशस्त किया। गांधीजी व डा.अम्बेडकर एक दूसरे के पूरक थे। दोनों ने मिलकर मानवता को सच्चा रास्ता दिखाने का काम किया। देश के महान संविधान के प्रति निष्ठा रखकर व असहिष्णुता व रूढि़वादिता का विरोध करना ही बाबा साहिब को सच्ची श्रद्धांजलि देना होगा। संविधान के सिद्धांतों की रक्षा करना आज हमारे सामने बड़ी चुनौति है। पिछले 67 वर्षों में देश के विकास की प्रवाहित धारा की दिशा को बनाए रखना है।