लखनऊ: बचपन फाउण्डेशन, बाराबंकी उत्तर प्रदेश के तत्वाधान में 15 दिवसीय कार्यशाला के पश्चात ’’रंग उत्सव’’ का आयोजन संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली के सहयोग से सामुदायिक केन्द्र कुर्मांचल नगर लखनऊ में किया गया। इस अवसर पर संस्था के कलाकारों द्वारा कु0 सविता के निर्देशन में ’’रंग उत्सव’’ में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये। साथ ही स्वच्छ भारत अभियान एक कदम स्वच्छता की ओर विषय पर चित्रकला प्रतियोगिता भी आयोजित की गयी। कार्यक्रम के अन्त में कलाकारांें एवं प्रतिभागियों को पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ संस्था की अध्यक्ष श्रीमती सरोज एवं कु0 सविता के निर्देशन में शिवानी, और सपना, द्वारा माँ सरस्वती वन्दना ‘‘माँ सरस्वती शारदे’’ की प्रस्तुति देकर उपस्थित दर्शको को भक्ति भावना के प्रति ओत-प्रोत कर दिया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डाॅ0 राजेन्द्री वर्मा (पूर्व सहायक निबन्धन अधिकारी राज्य महिला आयोग) विशिष्ट अतिथि श्री त्रिलोक सिंह अधिकारी महामंत्री भाजपा संगठन लखनऊ नगर एंव श्री मनोज अवस्थी, सभासद, के कर कमलों द्वारा दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। उत्सव में पारम्परिक लोकगीत एवं लोकनृत्य की सुन्दर प्रस्तुति के साथ साथ अवधी लोकगीत, भोजपुरी लोकगीत, संस्कार गीत, तीज त्योहार पर गाये जाने वाले गीत आदि की प्रस्तुति कलाकारों द्वारा दी गई। संस्था के अध्यक्ष श्रीमती सरोज द्वारा मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि आदि को पुष्पगुच्छ एवं स्मृति चिन्ह सप्रेम भेंटकर स्वागत किया। वही कार्यक्रम में ’’स्वच्छ भारत अभियान एक कदम स्वच्छता की ओर’’ के बारे मे श्रीमती सरोज ने कहा कि स्वच्छता का सभी को विशेष ध्यान रखना चाहिये तभी स्वच्छ भारत अभियान सफल होगा। मुख्य अतिथि ने सभी प्रतिभागियों को स्मृति चिन्ह भेंट किया। कार्यक्रम का संचालन सुप्रसिद्ध लोक गायक श्री चंदन सिंह मेहरा द्वारा किया गया।
अध्यक्ष श्रीमती सरोज एवं कु0 सविता के निर्देशन में ’’रंग उत्सव’’ कार्यक्रम में बाल कलाकारों के द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये जो निम्नवत है-सरस्वती वन्दना-मां सरस्वती शारदे शिवानी, सपना, रिया,गणेश वन्दना-एकदंताय वक्रतुण्डाय-अर्ची शुक्ला, अक्षिता यादव, अदिति सिंह बिश्ट, पारम्परिक लोकनृत्य-मईया यशोदा-तान्या, वागिशा, तान्या मेहरा, अर्ची, अक्षिता, अदिति, इशिता नमन, पारम्परिक लोकनृत्य-मैं हूँ तेरा ओ राधा-आँचल, मुस्कान,पारम्परिक लोकनृत्य-कान्हा मुरली की तान सुना दे-कामिनी, पारम्परिक लोकनृत्य-गजब कर गयी ब्रज की राधा-आँचल, मुस्कान, पारम्परिक लोकनृत्य-राधा ना बोले-सन्र्चायता, पारम्परिक लोकनृत्य-भागी रे भागी बृजबाला-वागिशा पन्त, पारम्परिक लोकनृत्य-मेरा शंकर भोला भाला-कनक, डांडिया नृत्य हवा के झोके आज मौसमों से रूठ गये-सपना, माही, आस्था, रितु, डोला रे डोला नृत्य-अदिविका, दक्षिता, इति सी हँसी इति सी खुशी-रितु , अनुश्का, उड़ी-उड़ी जाये दिल की पतंग-तान्या श्रीवास्तव, एका दाजीबा नृत्य-येशू वर्मा, रश्मि दत्ता, गुणिया गैणति आयी मारो हुषण बाई (बंजारा नृत्य)-अनुष्का, आस्था, दिव्या, मुस्कान, माही, अनुष्का, ऋतु ।
कार्यक्रम में उपस्थित संस्था के पदाधिकारी एवं समस्तगण- श्रीमती सरोज, सुनील कुमार, आलोक श्रीवास्तव, उर्मिला श्रीवास्तव, डा0 रमाकान्त, भरत सिंह बिष्ट, चन्दन सिंह मेहरा, कु0 सविता, मुस्कान, प्रांजल वर्मा, आदि मौजूद रहे।