मुंबई: भारत ए टीम के साथ न्यूजीलैंड के लिए रवाना होने से महज एक हफ्ते पहले पृथ्वी शॉ शुक्रवार को यहां मुंबई और कर्नाटक के बीच रणजी ट्रॉफी मैच के दौरान क्षेत्ररक्षण करते हुए बायां कंधा चोटिल करा बैठे. यह घटना बांद्रा कुर्ला परिसर पर तीसरे सत्र के दौरान हुई, जब शॉ ने ओवरथ्रो बचाने के लिए छलांग लगाई. उन्हें तुरंत ही मैदान से बाहर ले जाया गया. शॉ को न्यूजीलैंड के आगामी दौरे के लिए भारत ए टीम में चुना गया और टीम 10 जनवरी को रवाना होगी. वह सीमित ओवरों और चार दिवसीय मैचों के लिए टीम में हैं. मुंबई टीम के सूत्र ने बताया कि एहतियातन उनका एमआरआई स्कैन कराया गया है. दिन का खेल समाप्त होने के बाद मुंबई के कप्तान सूर्यकुमार यादव ने कहा कि शॉ बेहतर दिख रहे थे. सूर्यकुमार ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘वह (शॉ) बेहतर दिख रहे थे. मैदान पर वह ठीक नहीं दिख रहे थे लेकिन अब वह बेहतर दिख रहे हैं. बाद में फिजियो से पूछने के बाद पता चलेगा कि आखिर क्या स्थिति है.’
नवंबर में शॉ ने की थी वापसी
शॉ पिछले दिनों ही क्रिकेट के मैदान पर वापस आए थे. वे डोपिंग के चलते 8 महीने का बैन झेल रहे थे. उन्होंने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में असम के खिलाफ वापसी की थी और आते ही अर्धशतक लगाया था. क्रिकेट में वापस आने के बाद से वह 4 अर्धशतक और एक दोहरा शतक लगा चुके हैं. रणजी ट्रॉफी में बड़ौदा के खिलाफ उन्होंने 202 रन की पारी खेली थी.
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भी हुए थे चोटिल
बैन लगने से पहले पिछले साल शॉ टीम इंडिया का हिस्सा थे और वेस्टइंडीज के खिलाफ 134 रन की पारी खेलकर इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया था. तीन पारियों में उन्होंने 237 रन बनाए थे. इसके बाद उन्हें ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए भी टीम में चुना गया, लेकिन पहले टेस्ट मैच से पहले वार्म अप मैच में उन्हें गंभीर चोट लग गई थी.
प्रतिबंधित दवा लेने के चलते लगा था बैन
22 फरवरी 2019 को पृथ्वी शॉ को प्रतिबंधित पदार्थ टर्ब्यूटलाइन लेने का दोषी पाया गया था. यह प्रतिबंधित दवा कफ सिरप में इस्तेमाल होती है और इसे वाडा ने प्रतिबंधित पदार्थों की सूची में शामिल कर रखा है. शॉ को 16 जुलाई 2019 को एंटी डोपिंग रूल वॉयलेशन (ADRV) और बीसीसीआई एंटी डोपिंग रूल्स (ADR) की धारा 2.1 के उल्लंघन का दोषी पाया गया. लापरवाही बरतने के चलते उन पर आठ महीने का प्रतिबंध लगाया गया. बीसीसीआई ADR की धारा 10.10.3 के मुताबिक चूंकि पृथ्वी शॉ ने खुद पर लगे आरोप को स्वीकार किया, ऐसे में उन पर धारा 10.10.2 के तहत बैक डेट बैन लगाया गया था.