देहरादून: रविवार को बीजापुर में आयोजित एक संक्षिप्त कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बद्रीनाथ-माणा-सतोपंथ-स्वर्गारो हणी की ट्रेकिंग व सफाई के लिए एसडीआरएफ, निम, पत्रकारों व माणा, बामणी व भ्योंडार गांवों के युवाओं के सम्मिलित अभियान दल को रवाना किया।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हिमालय को बचाना है तो नई पीढी़ का परिचय हिमालय से करवाना होगा। उन्होंने वृक्षारोपण व सफाई के अभियान को पाण्डुकेश्वर व अन्य स्थानों को सम्मिलित करते हुए अधिक व्यापक करने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि एसडीआरएफ की सामान्य गतिविधियों में वृक्षारोपण के लिए कुछ गांवों को गोद लेने का शामिल किया जाएगा। उन्होंने फूलदेई आदि स्थानीय पारम्परिक उत्सवों का उल्लेख करते हुए कहा कि अपनी सांस्कृतिक व पारम्परिक विरासत को संजोए रखना बहुत महत्वपूर्ण है। इसके लिए युवाओं को हिमालय के गांवों में जाना होगा। हिमालय को बचाने के लिए हिमालय को पहचानना व अनुभव करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि यदि काॅलेज व स्कूल हिमालय के गांवों में भ्रमण के लिए अपने छात्रों के ट्यूर प्रोग्राम बनाएं तो राज्य सरकार भी इसमें सहयोग करने को तैयार है।
कार्यक्रम के संयोजक मनोज रावत ने बताया कि 45 लोगों के दल में पत्रकार, स्थानीय ग्रामीण युवा, एसडीआरएफ व निम के लोग शामिल हैं। ये सभी अपने साथ बैग ले जाएंगे और मार्ग विशेष तौर पर सतोपंथ से स्वर्गारोहणी के बीच में पड़े कचरे को वहां से हटाएंगे।