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बागेश्वर के तहसील परिसर में जनपदीय अधिकारियों की बैठक लेते हुएः मुख्यमंत्री

उत्तराखंड

देहरादून/बागेश्वर: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बृहस्पतिवार को देर रात तक तहसील परिसर बागेश्वर में जनपदीय अधिकारियों की बैठक ली । उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देष दिये कि ’’जन समस्या सुनवाई एवं समाधान’’ के तहत प्राप्त जन शिकायतों व समाधान से सम्बन्धित विषयों का क्रियान्वयन संजीदगी के साथ निर्धारित समय के अन्दर किया जाय ।

जनपदवार आयोजित की जा रही विभागीय अधिकारियों की बैठक को उन्होंने दक्षता विकास एवं कार्य क्षमता के आंकलन का भी सहायक बताया । उन्होंने जिले में किये जा रहे सभी विकास कार्यों को समय से पूर्ण करने के निर्देष अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों में गुणवत्ता का विशेष तौर से ध्यान रखा जाय ताकि बनायी जाने वाली योजनाओं का लाभ दीर्घकाल तक जनता को मिल सके। उन्होंने जिला योजना के तहत जिले को दी जाने वाली धनराशि को निर्धारित अवधि के अन्तर्गत शतप्रतिषत व्यय कर लेने के निर्देष दिये।

उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारी जन कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में अपनी दक्षता का परिचय दें । निर्माण कार्यो की गुणवत्ता का विशेष ध्यान दिया जाय। अधिकारीगण सर्विस प्रोवाइडर के रूप में जनता की बेहतर सेवा करने वाले बनें । जनसमस्याओं को टालें नहीं उनका निराकरण अपने ज्ञान एवं विवेक द्वारा तत्परता से करें । नियमों को जनहित के सापेक्ष खड़ा करें, जन संतुश्टि हमारा मकसद होना चाहिए । अधिकारियों की जन सेवा की भावना जितनी ऊंची व उदार होगी उतना ही जन विष्वास उन्हें प्राप्त होगा ।

जिला योजना के अन्तर्गत गत वर्श 70 प्रतिषत से कम व्यय करने वाले लोक निर्माण विभाग व जल संस्थान के अधिकारियों के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्होंने निर्देष दिये कि सभी विभागीय अधिकारी जिला योजना के अधीन स्वीकृत बजट का षत प्रतिषत उपयोग करना सुनिष्चित करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारियों द्वारा समय-समय पर क्षेत्र भ्रमण करते रहने से उन्हें क्षेत्र की स्थिति के बारे में जानकारी होती है साथ ही क्षेत्रीय जनता के साथ विचार-विमर्ष होने से उन्हैं प्रथम दृश्ट्या समस्याओं का ज्ञान होता है और जनता को विभागीय योजनाओं की जानकारी होती है व उसका विष्वास भी व्यवस्था के प्रति सुुदृढ़ होता है। मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि जिला योजना को और अधिक प्रभावी बनाये जाने के लिए उसके अधीन जो कार्य मदें अप्रासंगिक हो गयी हैं उनका चिन्हीकरण किया जाय तथा ऐसी योजनओं को उसमें शामिल किया जाय जो सीधे जनता से जुड़ी होें ।

उन्होंने गरूड़ को बीज उत्पादन घाटी चिन्हित करने तथा बागेश्वर को ताम्र कलस्टर एवं खडि़या उत्पादक क्षेत्र के रूप में विकसित करने के निर्देष दिये । इसके लिए कुछ लोगों को प्रशिक्षण देने की भी बात उन्होंने कही । उन्होंने महिला स्वयं सहायता समूहों को पैकेजिंग की टेªनिंग देने की व्यवस्था करने के निर्देष दिये इसके साथ ही बाजार भी उपलब्ध कराने की बात उन्होंने कही। बागेश्वर को वर्ष 2017 तक निर्मल जनपद घोषित किया जाय इसके लिए लगभग 14 हजार शौचालयों के निर्माण की योजना शीघ्र अमल में लाने को कहा इसके लिए धनराशि की अलग से व्यवस्था की जायेगी। जनपप्रतिनिधियों की भी इसमें मद्द ली जाय। सामाजिक क्षेत्र के अधीन समाज कल्याण द्वारा प्रदान की जाने वाली पेंषन योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार करने, कृषि क्षेत्र के सभी विभागों को आपसी समन्वय  से कार्य करने, नियमित जलापूर्ति की व्यवस्था के साथ ही जल संवर्धन योजनाओं पर ध्यान देने के निर्देष भी उन्होंने दिये ।  मुख्यमंत्री ने सामाजिक क्षेत्र से सम्बन्धित  सभी योजनाओं को पूरी ईमानदारी और निश्ठा सहित तेजी के साथ चलाये जाने के निर्देष दिये। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा विधवा, वृद्ध, विकलांगों तथा किसानों के लिये पेंशन स्वीकृत की गयीं हैं और अब यह जिले के समाज कल्याण विभाग का दाईत्व है कि तीन माह के भीतर प्रत्येक पेंषनर को उससे सम्बन्धित धनराशि मिल जाय।

उन्होंने निर्देश दिये कि समाज कल्याण विभाग गाॅंवों में शिविर लगा कर पात्र लाभार्थियों को सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न पेंशन योजनाओं से आच्छादित करें। उन्होंने जिलाधिकारी को निर्देश दिये कि वे समय-समय पर स्वयं भी इसका अनुश्रवण करते रहें। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में एपीएल परिवारों को भी नक़द रहित स्वास्थ्य बीमा का लाभ देने हेतु मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना प्रारम्भ की गयी है। सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न पेंशन योजनाओं में पात्र व्यक्ति छूटने न पाये इसके लिए जहाॅं मासिक आय सीमा में परिवर्तन किया गया है वहीं पेंशन की राशि में भी इजाफा किया गया है। उन्होंने बताया कि परित्यक्ता, निराश्रित, मानसिक रूप से विकृत व्यक्ति की पत्नी को भी भरण-पोषण के लिए धनराशि प्रदान की जायेगी। उन्होंने तीलू रौतेली विशेष पेंशन योजना के सम्बन्ध में जानकारी दी व बताया कि बीस से चालीस वर्ष आयु की महिलाओं को अपंगता अथवा घायल होने की स्थिति में पेंशन दी जायेगी। उन्होंने सूक्ष्म व लघु उद्योगों को बढ़ावा देने, पर्वतीय क्षेत्र को शिक्षा हब के रूप में विकसित करने, आंगनबाड़ी, मिनि व सहायक कार्यकत्रियों के मानदेय वृद्धि व इनके लिए अंशदायी पेंशन योजना, आंगनबाड़ी कल्याण कोष स्थापना, उद्यानों के जीर्णोद्धार हेतु कृषक अनुदान, फलदार बागान स्थापना हेतु अनुदान, पुराने व जीर्ण पौलिहाउसों के दु्रुस्तीकरण हेतु अनुदान के अलावा मेरा गाॅव मेरी सड़क तथा मेरा गाॅंव मेरा धन योजना के बारे में जानकारी दी।

इससे पूर्व देर सांय तक जन समस्यायें सुनते हुए मुख्यमंत्री रावत ने भूमि नियमितिकरण से सम्बन्धित प्रकरणों को 31 अगस्त तक निस्तारित करने के निर्देश दिये इसके लिए सम्बन्धित तहसीलदार जिम्मेदार होंगे । पीएमजीएसवाई द्वारा बनायी जाने वाली सड़कों की चैड़ाई कम पाये जाने पर कार्यवाही करने, वर्कचार्ज कर्मियों के कल्याण के लिए कारपस फण्ड की व्यवस्था के उन्होंने निर्देश दिये। उन्होंने गतवर्षों की आपदा में क्षतिग्रस्त विद्यालय भवनों के पुनर्निर्माण के लिए एक करोड़ की धनराशि मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष से देने की घोषणा की तथा बागेश्वर से हरिद्वार तक सीधी बस ,कफलढूंगा से लिफ्ट सिंचाई योजना, गरूड व बैजनाथ में टैक्सी स्टैण्ड के लिए भूमि व्यवस्था किये जाने की भी मुख्यमंत्री ने घोषणा की।जनता दरबार में उठाई गई समस्याओं के तहत उन्होंने जनपद के अन्तर्गत 02 किमी से 10 किमी0 तक के छूटे हुए मोटर मार्गो को पूर्ण करने की मंजूरी दी।

समीक्षा बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय, पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा, विधायक कपकोट ललित फस्र्वाण, विधायक बागेश्वर चन्दन राम दास, जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी, जिलाधिकारी भूपाल सिंह मनराल, अपर जिलाधिकारी हरबीर सिंह, उप जिलाधिकारी फिंचाराम चैहान, पुलिस अधीक्षक चम्पावत डी0 एस0 कुंवर, पुलिस उपाधीक्षक धनी राम, सीएमओ डा. जेसी मण्डल सहित सभी विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

           इधर आज प्रातः जिलाधिकारी भूपाल सिंह मनराल द्वारा मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष हेतु 11 लाख 40 हजार की धनराशि का चैक मुख्यमंत्री को भेंट किया ।

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