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जम्मू में बांस औद्योगिक पार्क एव बांस प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना भी की जाएगी

देश-विदेश

नई दिल्ली: केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (डोनर) राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत,पेंशन, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज कहा कि बांस की टोकरी, बांस के चारकोल एवं अगरबत्ती निर्माण के लिए जम्मू, कटरा एवं सांबा क्षेत्रों में बांस के क्लस्टर विकसित किए जाएंगे जो लगभग 25,000 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएंगे। इसके अतिरिक्त, जम्मू के निकट घाटी में एक मेगा बांस औद्योगिक पार्क तथा बांस प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना भी जम्मू एवं कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन द्वारा भूमि के आवंटन के दो वर्षों के भीतर क्षेत्र में कर दी जाएगी। समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के बाद जम्मू एवं कश्मीर में बांस क्षेत्र में अवसंरचना के संवर्धन तथा उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए आगे उठाये जाने वाले कदमों पर डोनर मंत्रालय की समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि आने वाले दिनों में इसे एक बड़ी प्राथमिकता के रूप में आगे बढ़ाया जाएगा।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने स्पष्ट किया कि जम्मू एवं कश्मीर तथा लद्वाख में बांस के बड़े भंडार फैले हुए हैं जिनकी अभी तक खोज नहीं की गई है और इनका उपयोग नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि नवसृजित जम्मू एवं कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में सभी मंत्रालयों की अच्छी प्रथाओं की प्रतिकृति के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आग्रह पर की गई पहलों के एक हिस्से के रूप में डोनर मंत्रालय के पूर्वात्तर परिषद ने केन एवं बांस प्रौद्योगिकी केंद्र (सीबीटीसी) के जरिये जम्मू के राज्य सम्मेलन केंद्र में 11 एवं 12 जनवरी, 2020 को जम्मू एवं कश्मीर सरकार के सहयोग से कार्यशाला सह प्रदर्शनी के रूप में जम्मू एवं कश्मीर में बांस सेक्टर के क्षेत्र में खुद तकनीकी ज्ञान और अनुभव प्राप्त किया।

मंत्री ने कहा कि कार्यशाला ने जम्मू, सांबा एवं कठुआ क्षेत्र में बांस हरितिमा की उल्लेखनीय उपस्थिति पर रोशनी डाली है और वहां कुछ बांस अधारित सूक्ष्म स्तरीय उद्यम एवं उद्यमियों का भी अस्तित्व है। उन्होंने कहा कि इसके आलोक में सीबीटीसी साधारण सुविधा केंद्रों, केन तथा बांस प्रौद्योगिकी पार्कों, केन एवं बांस औद्योगिक पार्कों, एफपीओ, क्लस्टरों और बीओटी (बिल्ट-आम्परेट-ट्रांसफर) पर हाई टेक नर्सरियों की स्थापना के लिए जम्मू एवं कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश की सरकार के साथ टर्नकी आधार पर उनके वित्तपोषण सहायता के साथ, जैसा भी मामला हो, नियत समय पर तकनीकी गठबंधन और साझीदारी भी करेगी।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि शीघ्र ही मंत्रालय से एक टीम जम्मू का दौरा करेगी और क्षेत्र में बांस की खेती के लिए एक प्रक्षेत्र प्रशिक्षण कार्यक्रम का अन्वेषण करेगी। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों का अनुभव जम्मू एवं कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के कारीगरों को उनकी आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने में सहायता करेगी एवं इस क्षेत्र में उबाये जाने वाले बांस के वाणिज्यिक दोहन में भी मदद करेगा।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले कुछ समय से बांस का उपयोग निम्न लागत वाले घरों के निर्माण तथा निर्माण सामग्री के रूप में किया जाने लगा है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इस संबंध में देश के विभिन्न हिस्सों में बांस जागरुकता शिविरों का आयोजन किया जाएगा।

डोनर मंत्रालय के सचिव डॉ. इंदरजीत सिंह, विशेष सचिव श्री इंदीवर पांडेय, एनईसी के सचिव श्री मोसेस के चलाई, सीबीटीसी के एमडी श्री शैलेंद्र चैधरी तथा विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी वीडियो कांफ्रेंस के जरिये बैठक में भाग लिया।

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