नई दिल्ली: आयुष मंत्रालय विकासशील देशों के लिए अनुसंधान और सूचना प्रणाली (आरआईएस) के सहयोग से 10-11 सितंबर 2016 को बेंगलुरु में दो दिन की ब्रिक्स स्वास्थ्य कार्यशाला का आयोजन कर रहा है। इसके साथ ही आयुष मंत्रालय 10-13 सितंबर, 2016 के दौरान चार दिवसीय आरोग्य मेले का भी आयोजन कर रहा है। यह भारत और साथ ही साथ ब्रिक्स के सहभागी देशों की परम्परागत प्रणालियों/स्वास्थ्य क्षेत्र की क्षमताओं को दर्शाने वाला स्वास्थ्य एवं अच्छी सेहत से संबंधित एक समग्र मेला है। ब्रिक्स स्वास्थ्य कार्यशाला में ब्रिक्स के सदस्य देशों के सचिव स्तरीय अधिकारी और परम्परागत चिकित्सा/स्वास्थ्य विशेषज्ञ भाग लेंगे।
ब्रिक्स स्वास्थ्य कार्यशाला के महत्व के बारे में मीडिया कर्मियों को जानकारी देते हुए आयुष मंत्रालय में सचिव श्री अजित एम. शरण ने बताया कि सेहत को बढ़ावा देने वाली, रोग निवारक, सुधारात्मक, दोबारा सेहतमंद करने और नई ऊर्जा का संचार करने जैसे गुणों की बदौलत परम्परागत चिकित्सा की समकालीन समुदाय स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका है। कार्यशाला का आयोजन ब्रिक्स देशों के बीच भागीदारियों को बढ़ावा देने, जानकारी साझा करने और इन देशों में आयुष द्वारा की गई पहल को बल प्रदान करने के लिए किया जा रहा है, जो आगे चलकर आयुष के वैश्वीकरण में सहायक साबित होगी। ब्रिक्स देशों में आयुष के बढ़ते महत्व पर प्रकाश डालते हुए श्री अजित शरण ने कहा कि इनमें से बहुत से देश पहले ही इस दिशा में कदम उठा चुके हैं। जैसे कि चीन ने योग पर कॉलेज खोला है, जबकि रूस में आयुर्वेद लोकप्रिय हो रहा है।
बेंगलुरू में होने जा रही इस कार्यशाला में अन्य विषयों के अलावा चिकित्सा की परम्परागत प्रणालियों, व्यापार और अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य और सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी), ब्रिक्स के लिए स्वास्थ्य से संबंधित संकेतक, स्वास्थ्य और पर्यटन से संबंधित सत्रों का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान परम्परागत चिकित्सा पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की रणनीति के संबंध में भी एक सत्र का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यशाला के साथ-साथ पैलेस ग्राउंड्स बेंगलुरू में आरोग्य मेले का भी आयोजन किया जाएगा। यह मेला ब्रिक्स देशों के विनिर्माताओं/परम्परागत चिकित्सा/ कच्चे माल के आयातकों को भारतीय परम्परागत चिकित्सा उत्पादों/विनिर्माण सुविधाओं के बारे में सीधे अनुभव प्राप्त करने के लिए अवसर प्रदान करेगा। साथ ही उन्हें अपने उत्पादों और सेवाओं को प्रदर्शित करने का अवसर भी मिलेगा।
दो दिवसीय कार्यशाला से पहले ब्रिक्स देशों के प्रतिनिधियों को मौके पर जाकर निरीक्षण करने के लिए परम्परागत चिकित्सा संस्थान/सुविधाओं के दौरे की व्यवस्था की जाएगी। इच्छुक प्रतिनिधियों के लिए योग कार्यशालाएं और विशेषज्ञों के साथ आयुर्वेद पर परामर्श भी 9-12 सितंबर, 2016 को आयोजित किया जाएगा।