देहरादून: भारत के प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में से एक, बैंक ऑफ़ बड़ौदा (बैंक) ने आज अपना 116वां स्थापना दिवस मनाया। बैंक के 116वें वर्ष की थीम है ” एसीई – सिद्धि, सहयोग, समृद्धि: भविष्य की बैंकिंग की आधारशिला का निर्माण“, जो बैंक के लिए बड़े सपने देखने, उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने और एक मज़बूत, अधिक समृद्ध और साझा भविष्य का निर्माण करने के उद्देश्य तय करती है।
बैंक की स्थापना दूरदर्शी और समाज सुधारक महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ III द्वारा की गई थी। 1908 में बड़ौदा के मांडवी में स्थापित की गई पहली शाखा से, बैंक ऑफ़ बड़ौदा ने आज खुद को देश के दूसरे सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के रूप में स्थापित कर लिया है। 17 देशों में नेटवर्क के साथ बैंक ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी मज़बूत उपस्थिति दर्ज की है।
बैंक के 116वें स्थापना दिवस के मौके पर, बैंक ऑफ़ बड़ौदा के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्री देबदत्त चाँद ने कहा, “बैंक ऑफ़ बड़ौदा का 116वां स्थापना दिवस बैंक के गौरवशाली इतिहास में एक विशेष उपलब्धि है और यह हम सभी के लिए गर्व का क्षण भी है। बैंक ऑफ़ बड़ौदा पुराने और नए का एक अनूठा मिश्रण है। यह 115 वर्षों की समृद्ध विरासत वाला एक ऐसा बैंक है, जो नवोन्मेषिता को अपनाकर अपने ग्राहकों और अन्य प्रमुख हितधारकों का विश्वास और संरक्षण पाने के लिए निरंतर खुद को नए सिरे से तैयार कर रहा है। आज जब हम पिछले कुछ वर्षों में हासिल की गई अपनी उपलब्धियों और मील स्तंभों पर गर्व कर रहे हैं, तो यह उपयुक्त समय है कि हम भविष्य की ओर भी देखें ताकि नए लक्ष्यों के साथ हम बैंकिंग क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर सकें।”
इस मौके पर, बैंक ने एमएसएमई, विज्ञान और चिकित्सा, साहित्य, समाज सेवा, उद्योग, खेल, कला और सिनेमा के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले ग्राहकों को सम्मानित भी किया।