लखनऊ: प्रमुख सचिव, खादी एवं ग्रामोद्योग डा0 नवनीत सहगल ने कहा है कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के अन्तर्गत बैंको में विचाराधीन ऋण आवेदनों के हेतु विशेष अभियान चलाया जाय और प्रत्येक दशा में आगामी 20 सितम्बर तक इनका निस्तारण सुनिश्चित किया जाय। साथ ही स्वीकृत हो चुकी फाइलों को तत्काल डिस्बर्स कराने में बैंकर्स अपनी अहम भूमिका आदा करें, ताकि लाभार्थियों को प्रशिक्षण दिलाने और ऋण वितरण के कार्य में कोई असुविधा न होने पाये।
डा0 सहगल आज यहां खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के सभागार में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अन्तर्गत राज्य स्तरीय मानीटरिंग कमेटी की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार ने रोजगार सृजन के कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए पीएमईजीपी के तहत लाभार्थियों को ऋण देने को प्राथमिकता दी है। उन्होंने असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि इस वर्ष 257.72 करोड़ रुपये के लक्ष्य के सापेक्ष अभी तक मात्र 25 प्रतिशत ऋण का वितरण हो पाया है। उन्होंने इस कार्य में तेजी लाने की अपेक्षा बैंकर्स की। उन्होंने कहा कि अभी तक 423.43 करोड़ रुपये के 13062 ऋण आवेदन पत्र बैंको भेजे गये हैं, इनमें से 319.86 करोड़ रुपये के ऋण वितरण हेतु 9983 प्रार्थना-पत्र लम्बित हैं।
प्रमुख सचिव ने बैकरों से कहा कि जिन बैंक शाखाओं में सबसे ज्यादा प्रकरण लम्बित हैं, उनकी रि-स्टडी कराई जाय और प्रार्थना-पत्रों पर दर्शाई गई आपत्तियों का निराकरण सुनिश्चित किया जाय। ब्रांच वाइज पीएमईजीपी की समीक्षा की जाय। बैंकर्स के साथ हर महीने बैठक के लिए जिलाधिकारी को उनकी ओर से पत्र लिखा जाय। उन्होंने बैंकर्स से अपेक्षित सहयोग की अपेक्षा करते हुए कहा कि रोजगार सृजन कार्यक्रमों को प्रोत्साहित करने में बैंक अपनी अग्रणी भूमि का निर्वहन करें। उन्होंने कहा कि 30 सितम्बर तक लाभार्थियों के प्रशिक्षण तथा ऋण स्वीकृत की कार्यवाही प्रत्येक दशा में पूर्ण कर ली जाय, ताकि महात्मा गांधी की जयंती 02 अक्टूबर के अवसर पर ऋण वितरण करने में कोई कठिनाई न हो।
बैठक में राज्य निदेशक, खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग, भारत सरकार श्री एस.के. मिश्रा सहित मण्डल स्तरीय उद्योग विभाग के अधिकारी तथा विभिन्न के बैकों के प्रतिनिधि मौजूद थे।