देहरादून: हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौति विकास को सही दिशा व अवधारणा देने की है। उत्तराखण्ड में जब लोकतंत्र के चारों स्तम्भ मजबूत होंगे तभी जिस कल्पना से राज्य का निर्माण किया गया था, वह सार्थक होगी। हमें एक दूसरे के पूरक के तौर पर काम करना होगा। राजीव भवन में बार काउंसिल व बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों के सम्मान समारोह में बोलते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि अन्य व्यवसायों की तरह ही विधि क्षेत्र में बदलते हुए समय के साथ चुनौतियां बढ़ गई हैं। युवा अधिवक्ता नई तकनीक से लैस हैं और अपने दायित्वों को बखूबी निभा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज बहुत से हमारे कानून पुराने हो गए हैं और व्यवहार्य नहीं रह गए हैं। इसमें सुझावों के लिए हम अधिवक्ताओं का एक पैनल बना रहे हैं। उन्होंने काउंसिल व एसोसिएशन से भी इसके लिए सहयोग का अनुरोध किया। हर व्यवसाय में रिस्क शामिल होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बार काउंसिल अंशदान के आधार पर अधिवक्ताओं के सामूहिक बीमा की योजना तैयार करे। सरकार इसमें बड़ा हिस्सा देने के लिए तत्पर है। अगले विŸाीय वर्ष में सरकार प्रयास करेगी कि पुस्तकालय की व्यवस्था हो सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी हमारे राज्य की नींव मजबूत नहीं हुई है यद्यपि प्रति व्यक्ति आय में हमारी स्थिति बेहतर है। परंतु प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में विषमता भी है। हम सभी को मिलकर उन लोगों के लिए सोचना चाहिए जो कि दैनिक आवश्यकताओं के लिए भी जद्दोजहद करते हैं।
इस अवसर पर बार काउंसिल के अध्यक्ष सुरेंद्र मिŸाल, देहरादून बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मनमोहन कण्डवाल, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय, विधायक हीरासिंह बिष्ट, विधायक राजकुमार, विधायक शैलारानी रावत, पृथ्वीपाल सिंह चैहान, महेंद्रपाल, सूर्यकांत धस्माना सहित अन्य विशिष्टजन मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन जोत सिंह बिष्ट ने किया।
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