हरिद्वार: मेला प्रशासन एवं पुलिस द्वारा किए गए चाक-चैबंद प्रबन्धों के बीच अर्द्धकुम्भमेले का तृतीय स्नान सुव्यवस्थित एवं शंतिपूर्वक ढंग से संपन्न हुआ।
बसन्त पंचमी पर अर्द्ध कुम्भ मेले केतृतीय स्नान पर्व पर कुंभ नगरी में देर सायं तक लगभग 05 लाख से अधिक श्रद्धालुुओं ने गंगा स्नान करपुण्य अर्जित किया।
बसन्त पंचमी पर्व पर प्रातः से ही श्रृद्धालुओं का आवागमन आरम्भ हो गया था।ं माघ माह की शुक्ल पक्ष कीपंचमी के शुभ अवसर पर श्रद्धालुओं द्वारा गंगा स्नान कर यज्ञोपवित, उपनयन संस्कार सम्पन्न कराये गये।इस अवसर पर देश के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार पहंुचे तथा विदेशों के भी काफीश्रद्धालु अर्द्धकुम्भ के तृतीय स्नान के साक्षी बने। दिन ढलने तक गंगा में डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं काअनुमानित आंकड़ा पुलिस प्रशासन द्वारा लगभग 05 लाख से अधिक बताया गया।
बसन्त पंचमी के स्नान पर्व को निर्विघ्न एवं सुव्यवस्थित तरीके से संपन्न कराने के लिए मेला प्रशासन एवंपुलिस के द्वारा पूर्व में ही व्यापक इंतजाम किए गए थे। केन्द्रीय नियंत्रण कक्ष से मेला के सभी प्रमुख क्षेत्रोंएवं क्षण-प्रतिक्षण की गतिविधियों की निगरानी की जाती रही। मेलाधिकारी एस.ए.मुरूगेशन एवं पुलिसमहानिरीक्षक जी.एस.मर्तोलिया ने भी हरकीपैड़ी सहित अनेक क्षेत्रों में जाकर सुरक्षा एवं अन्य इंतजामों काजायजा लिया।
प्रशासन द्वारा मेले के प्रमुख केन्द्र हरकी पैड़ी के प्रवेश द्वारांे पर लगाए गए पुलिस व अभिसूचना इकाई केजवानों द्वारा प्रत्येक व्यक्ति की चैकिंग की गई तथा ड्रोन कैमरा, फेस डिटेक्शन सुविधा से युक्त सीसीटीवीसर्विलांस जैसी अत्याधुनिक निगरानी तंत्र की मदद से कंट्रोल रूम से भीड़ प्रबंधन एवं संदिग्ध गतिविधियों परनजर रखने की व्यवस्था की गई थी तथा आतंकवादी निरोधक दस्ता तथा क्यू.आर.टी. को भी हाई अलर्ट पररखा गया था। बम निरोधक दस्ता एवं डाॅंग स्क्वाड द्वारा भी लगातार हरकी पैड़ी सहित विभिन्न स्नानघाटोंपर सघन चैकिंग की जाती रही। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए यातायात, परिवहन, स्वास्थ्य, पेयजल आपूर्तिव विद्युत व्यवस्था तथा सफाई एवं शौचालयों की व्यवस्था तथा अंन्य इंतजामों को सुचारू बनाए रखने केलिए संबंधित विभागों के नोडल अधिकारी निरीक्षण करते रहे व कंट्रोल रूम से जानकारी प्राप्त करते रहे।
मेलाधिकारी एस.ए.मुरूगेशन एवं पुलिस महानिरीक्षक जी.एस.मर्तोलिया ने तृतीय स्नान को सकुशल संपन्नहोने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि सभी के सहयोग के बिना बडे कार्य सम्भव नहीं होते। अर्द्ध कुम्भके स्नानों को सफलतापूर्वक एवं शान्तिपूर्ण ढंग से कराने में शासन-प्रशासन के साथ ही साधु-संतो, स्थानीयजनता एवं श्रद्धालुओं की अहम भूमिका है। अर्द्ध कुम्भ स्नानों को शान्तिपूर्ण कराने हेतु सभी का सहयोगआवश्यक है।