लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि किसी भी सुसभ्य व विकसित समाज के लिए स्वास्थ्य तथा शिक्षा जैसी बुनियादी आवश्यकताएं अत्यन्त महत्वपूर्ण हैं। सुशिक्षित समाज अपने विकास की अनन्त सम्भावनाओं को आगे बढ़ा सकता है। यदि समाज स्वस्थ है, तो वह अपने आप को सशक्त बनाने की आधारशिला स्वयं खड़ी कर लेगा। आज उत्तर प्रदेश ने शिक्षा व्यवस्था में आमूल-चूल परिवर्तन कर स्वयं को देश की एक बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित किया है। इस दिशा में उत्तर प्रदेश तेजी से आगे बढ़ा है।
मुख्यमंत्री जी आज जनपद बरेली में स्कूल चलो अभियान, विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान-2025 का शुभारम्भ, अत्याधुनिक जीवन रक्षक सुविधाओं से लैस 2,554 नयी एम्बुलेंस का फ्लैग ऑफ तथा जनपद के विकास से सम्बन्धित लगभग 933 करोड़ रुपये की 132 परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास करने के पश्चात इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इनमें 507 करोड़ रुपये से अधिक की 74 परियोजनाओं का लोकार्पण तथा 425 करोड़ रुपये से अधिक की 58 परियोजनाओं का शिलान्यास शामिल है। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाआें के लाभार्थियां को प्रमाण पत्र, प्रतीकात्मक चेक, टैबलेट/स्मार्ट फोन तथा स्कूली बच्चों को पाठ्य सामग्री प्रदान की। इससे पूर्व, उन्होंने बरेली विकास प्राधिकरण की उपलब्धियों तथा स्कूल चलो अभियान पर आधारित प्रदर्शनी का अवलोकन किया।
मुख्यमंत्री जी ने प्रदेशवासियों को बासंतिक नवरात्रि की बधाई देते हुए कहा कि जगत जननी माँ दुर्गा सभी के जीवन में यश, कीर्ति, सुख और समृद्धि प्रदान करें। आपकी सुख, समृद्धि में प्रदेश और देश की सुख और समृद्धि छिपी हुई है। वर्ष 2017 से पूर्व उत्तर प्रदेश को बीमारू राज्य माना जाता था। आज यह विकसित भारत का ग्रोथ इंजन बनकर उभरा है। उत्तर प्रदेश, देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला राज्य बना है। आने वाले समय में प्रदेश को नम्बर एक की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए हम सभी को प्रयास करना होगा। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के विजन को आगे बढ़ाते हुए आज यहां पर लगभग 1,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का लोकार्पण तथा शिलान्यास किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ‘स्कूल चलो अभियान’ शिक्षा के लिए किये जाने वाले प्रयासों की आधारशिला बना है। इस अभियान को अपने कर्तव्य तथा दैनिक जीवन का हिस्सा बनाकर अप्रैल में 15 दिन और जुलाई में पहले 15 दिन प्रत्येक नागरिक बच्चों को स्कूल भेजने के इस अभियान से जुड़े। यदि स्कूली शिक्षा मजबूत होगी, तो उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा तथा मेडिकल शिक्षा आदि भी अपने आप मजबूत हो जाएंगी। मॉडर्न ऐज कोर्सेज में उत्तर प्रदेश के विद्यार्थी अग्रणी भूमिका में होंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में आज से नए शैक्षणिक सत्र का शुभारम्भ हो रहा है। बच्चों को भविष्य की सशक्त पीढ़ी के रूप में प्रस्तुत करते हुए हम सभी को स्कूल चलो अभियान से जुड़ना होगा। कोई भी बच्चा इस अभियान में पीछे न छूटने पाए। यह सरकार के साथ-साथ समाज की भी जिम्मेदारी है। एक भी बच्चे का अनपढ़ रह जाना परिवार, समाज तथा राष्ट्र के लिए चुनौतीपूर्ण परिस्थिति का कारण बन सकता है। इसका दुष्परिणाम अंततः समाज व देश को भुगतना पड़ता है।
वर्ष 2017 में स्कूल का सत्र प्रारम्भ होते ही प्रत्येक शिक्षक व जनप्रतिनिधि को स्कूल चलो अभियान से जुड़ने तथा हर बच्चे को स्कूल तक पहुंचाने की व्यवस्था बनाई गई। स्कूल चलो अभियान से जुड़कर हम राष्ट्रीय मिशन को आगे बढ़ाकर अपने प्रदेश की साक्षरता में वृद्धि करने के साथ-साथ बच्चों को सुयोग्य बनाएंगे। प्रदेश व देश के निर्माण तथा विकास में बच्चों की ऊर्जा व प्रतिभा का लाभ लेंगे। प्रत्येक बालक के साथ ही प्रत्येक बालिका को भी स्कूल अवश्य भेजा जाना चाहिए। आपका यह कार्य देश निर्माण में आपकी भूमिका को आगे बढ़ाने में अपना योगदान देगा। कोई भी बच्चा स्कूल जाने से वंचित नहीं रहना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2017 में 01 करोड़ 34 लाख बच्चों ने स्कूलों में अपना नामांकन कराया था। इनमें से 60 फीसदी बच्चे ऐसे थे, जो कभी स्कूल नहीं जाते थे। प्रदेश सरकार द्वारा स्कूलों का कायाकल्प कराए जाने के पश्चात गत वर्ष 01 करोड़ 91 लाख बच्चों के अभिभावकों के खाते में डी0बी0टी0 के माध्यम से 1,200 रुपये भेजने का काम किया गया। प्रदेश के 96 फीसदी स्कूलों में ऑपरेशन कायाकल्प के माध्यम से पेयजल, स्कूल फ्लोरिंग, स्मार्ट क्लासेस, डिजिटल लाइब्रेरी, फर्नीचर तथा बालक बालिकाओं के लिए अलग-अलग टॉयलेट की व्यवस्था की गई है। सरकार द्वारा 01 करोड़ 91 लाख बच्चों के लिए वर्ष में दो यूनिफॉर्म, बैग, किताबें, जूते-मोजे तथा स्वेटर आदि की व्यवस्था अनिवार्य रूप से की जा रही है। वर्ष 2017 से पूर्व बेसिक शिक्षा परिषद की स्थिति अत्यंत खराब थी। अनेक स्कूल बंदी की कगार पर थे। बालक-बालिकाओं के लिए न तो पृथक टॉयलेट थे और न ही पेयजल की व्यवस्था थी। स्कूलों में फर्श नहीं बने थे। फर्नीचर का अभाव था। स्मार्ट क्लासेस और डिजिटल लाइब्रेरी दूर की कौड़ी थे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बेसिक शिक्षा परिषद में विद्यार्थियों तथा शिक्षकों का अनुपात ठीक करने के लिए 1,25,000 से अधिक शिक्षकों की भर्ती का कार्यक्रम सम्पन्न किया गया। पी0एम0 श्री योजना के अन्तर्गत 1,500 विद्यालयों का कायाकल्प किया जा रहा है। गरीब बालिकाओं की 8वीं से 12वीं कक्षा तक की शिक्षा के लिए कस्तूरबा गांधी विद्यालयों को उत्तम शिक्षा का केंद्र बनाया जा रहा है। बेसिक शिक्षा परिषद में एन0सी0ई0आर0टी0 के पाठ्यक्रम को लागू करने के लिए अलग-अलग चरणों में कार्यवाही आगे बढ़ायी जा रही है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अन्तर्गत इन कार्यक्रमों को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के गांवों में स्थित स्कूलों में अभी अनेक चुनौतियां हैं। हम लोग इंटीग्रेटेड स्कूल कॉम्प्लेक्स तैयार करने पर विचार कर रहे हैं। वर्ष 2023 में प्रधानमंत्री जी के कर-कमलों द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी के प्रति श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए प्रदेश में रजिस्टर्ड श्रमिकों के बच्चों के लिए 16 अटल आवासीय विद्यालय प्रारम्भ किए गए थे। आज बरेली में 70 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित अटल आवासीय विद्यालय प्रारम्भ होने जा रहा है। इस विद्यालय में बच्चों के लिए रहने तथा खाने-पीने की व्यवस्था की गयी है। इन आवासीय विद्यालयों को मॉडल विद्यालयों के रूप में विकसित करते हुए प्रधानाचार्यां तथा शिक्षकों के प्रशिक्षण के माध्यम से बच्चों को उत्तम शिक्षा प्रदान की जाती है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रत्येक जनपद में अटल आवासीय विद्यालय की तर्ज पर बेसिक शिक्षा परिषद के अन्तर्गत मुख्यमंत्री कम्पोजिट विद्यालय प्रारम्भ करने का निर्णय लिया गया है। जिन 57 जनपदां में अटल आवासीय विद्यालय स्थापित नहीं हुए हैं, वहां पहले चरण में मुख्यमंत्री कम्पोजिट विद्यालय प्रारम्भ होने जा रहे हैं। दूसरे चरण में तहसील स्तर पर, तीसरे चरण में विकास खण्ड तथा चौथे चरण में न्याय पंचायत स्तर पर इन कम्पोजिट विद्यालयों का निर्माण किया जाएगा। इन विद्यालयों में बच्चों को प्री-प्राइमरी से लेकर 12वीं तक की शिक्षा एक ही कैम्पस में प्रदान की जा सकेगी। विद्यालय में बच्चों के लिए खेलकूद व स्किल डेवलपमेन्ट की सुविधा के साथ-साथ शिक्षकों के लिए आवासीय व्यवस्था भी की जाएगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में देश के युवाओं की सर्वाधिक संख्या है। हमारे युवा सर्वाधिक प्रतिभाशाली हैं। इस युवा शक्ति को प्रदेश में ही नौकरी व रोजगार के अवसर प्राप्त हो रहे हैं। वह प्रदेश के विकास में अपना योगदान दे रहे हैं। नई पीढ़ी को तराशने में स्कूल चलो अभियान की बड़ी भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि वह आज बरेली में इस अभियान का शुभारम्भ करने आए हैं। यह नाथ नगरी है। नाथ नगरी से किया गया कोई भी प्रयास विफल नहीं होता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्वास्थ्य किसी भी सभ्य समाज के लिए उतना ही महत्वपूर्ण है, जितनी शिक्षा। किसी भी सभ्य समाज को सशक्त बनाने के लिए उत्तम स्वास्थ्य अत्यन्त महत्वपूर्ण है। उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति के लिए अच्छे स्वास्थ्य केन्द्र भी आवश्यक होते हैं। बीमारियों तथा महामारियों से बचाव के लिए जागरूकता अभियान को आगे बढ़ाना आवश्यक है। आज प्रदेश सरकार संचारी रोग नियंत्रण के एक बड़े अभियान को आगे बढ़ा रही है। इसके अन्तर्गत इंसेफेलाइटिस, डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, कालाजार आदि विषाणुजनित बीमारियों से बचाव के लिए व्यापक जन-जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
आज भारत सरकार के सहयोग से प्रदेश सरकार द्वारा 2,500 से अधिक एम्बुलेंस स्वास्थ्य सेवा के लिए समर्पित की जा रही हैं। इसके माध्यम से स्वास्थ्य सेवा का रिस्पॉन्स टाइम कम किया जा सकेगा। ‘108’ एम्बुलेंस दिन-रात आपकी सेवा के लिए समर्पित है। वर्ष 2017 से पूर्व इसका रिस्पॉन्स टाइम लगभग 17 से 19 मिनट था। आज यह 07 मिनट के आसपास हो चुका है। इसको और भी कम करने के लिए यह 2,500 से अधिक एम्बुलेंस शुरू की जा रही हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्र विभिन्न प्रकार के संचारी रोगों के लिए संवेदनशील हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश में गोरखपुर, बस्ती, कुशीनगर, देवरिया, महराजगंज, सिद्धार्थनगर आदि जनपद इंसेफेलाइटिस के लिए अत्यन्त संवेदनशील हैं। बरेली, बदायूं, पीलीभीत आदि जनपद मलेरिया, आगरा मण्डल के जनपद डेंगू, वाराणसी और उसके आसपास के जनपद कालाजार व झांसी तथा उसके आसपास के जनपद चिकनगुनिया के लिए संवेदनशील माने जाते हैं। इन जनपदों में संचारी रोग से बचाव के लिए विशेष अभियान चलाने की आवश्यकता है। जागरूकता से बचाव कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए रोग निवारण की दिशा में आगे बढ़ा जा सकता है। गोरखपुर तथा उसके आसपास के जनपदों में जुलाई से नवम्बर माह तक इंसेफेलाइटिस से हजारों बच्चों की मौत हो जाती थी। विगत 08 वर्षों में डबल इंजन सरकार द्वारा प्रारम्भ किये गये प्रयासों के कारण इंसेफेलाइटिस बीमारी पूरी तरह नियंत्रित हो चुकी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में मलेरिया पर लगभग नियंत्रण पाया जा चुका है। वह इसको जड़ से समाप्त करने के लिए जनपद बरेली आए हैं। बरेली, बदायूं, पीलीभीत तथा इसके आसपास के जनपदां में कहीं पर भी मलेरिया तथा मच्छर जनित कोई भी संचारी रोग न पनपने पाए, इसके लिए जन जागरूकता, हेल्थ वर्कर्स का प्रशिक्षण, हॉस्पिटल एडवांसमेन्ट, जल की अच्छी निकासी आदि उपाय आवश्यक हैं। आगामी तीन माह तक इस अभियान के संचालन से संचारी रोग नियंत्रण में सफलता प्राप्त हो सकेगी। मलेरिया तथा डेंगू का कारण गन्दगी तथा जल जमाव होना है। मच्छर के लार्वा को प्रारम्भिक अवस्था में ही मारने के लिए बरसात से पहले दवा का छिड़काव किया जाना चाहिए।
आशा वर्कर्स तथा ए0एन0एम0 डोर-टू-डोर जाकर इन बीमारियों की स्कैनिंग करते हुए लगातार अभियान आगे बढ़ाएंगी। हमें इस अभियान के साथ जुड़कर कार्यक्रम को आगे बढ़ाना होगा। जिससे कोई भी बच्चा तथा नागरिक इन बीमारियों की चपेट में न आने पाए। इसके लिए डबल इंजन सरकार आपके साथ खड़ी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में उत्तर प्रदेश ने लम्बी छलांग लगायी है। प्रदेश में वर्ष 1947 से वर्ष 2017 तक कुल 12 राजकीय मेडिकल कॉलेज बन पाए थे। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में विगत 08 वर्षां में प्रदेश में 44 राजकीय मेडिकल कॉलेज बनाये गये हैं। वर्तमान में राज्य में 80 से अधिक मेडिकल कॉलेज हैं। इनमें 36 से अधिक निजी क्षेत्र के मेडिकल कॉलेज सम्मिलित हैं। राज्य सरकार ने ‘एक जनपद एक उत्पाद योजना’ की तर्ज पर प्रदेश में ‘एक जनपद एक मेडिकल कॉलेज’ बनाने का अभियान प्रारम्भ किया है। प्रदेश सरकार इस लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में तेजी के साथ आगे बढ़ रही है।
राज्य में पी0पी0पी0 मोड पर भी मेडिकल कॉलेजों का निर्माण किया गया है। जनपद सम्भल, शामली तथा महराजगंज में पी0पी0पी0 मोड पर मेडिकल कॉलेज बन चुके हैं। प्रत्येक जनपद में डायलिसिस, सी0टी0 स्कैन, टेली मेडिसिन आदि की व्यवस्था की जा रही है। उत्तर प्रदेश देश में सर्वाधिक आयुष्मान कार्ड जारी करने वाला राज्य है। इस योजना के अन्तर्गत प्रत्येक वर्ष 10 करोड़ लोग 05 लाख रुपये तक के स्वास्थ्य बीमा कवर का लाभ प्राप्त कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि नाथ नगरी के रूप में आज बरेली विकास के पथ पर अग्रसर हुआ है। यहां इन्फ्रास्ट्रक्चर का नया मॉडल तैयार हो रहा है। पूर्ववर्ती सरकारों ने नाथ नगरी बरेली की पहचान को झुमके के साथ जोड़ा था। हम लोगों ने बरेली को नाथ कॉरिडोर देकर पौराणिक पहचान प्रदान करने का कार्य किया है। यहां डेयरी, मेडिकल आदि अनेक क्षेत्रों में निवेश किया जा रहा है। नये-नये उद्योग लगाये जा रहे हैं। विकास की नई ऊंचाइयों को छूता हुआ बरेली ‘हर घर नल’ योजना से भी जुड़ रहा है। यहां रिंग रोड तथा नये-नये फ्लाईओवरों का निर्माण किया जा रहा है। अब बरेली स्मार्ट सिटी के रूप में पहचान बनाकर देश और दुनिया को आकर्षित कर रहा है। वर्ष 2017 से पूर्व बरेली में हर दूसरे दिन दंगे होते थे। विगत 08 वर्षां में यहां कोई दंगा नहीं हुआ है। अब बरेली में दंगा नहीं, यहां का हर नागरिक चंगा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बरेली स्मार्ट सिटी के स्मार्ट नागरिकों के लिए स्मार्ट सुविधाओं की व्यवस्था तथा इसे सेफ सिटी के रूप में विकसित करने के लिए हम सब आपके बीच आए हैं। यह सब यहां के नागरिकों के कारण सम्भव हो रहा है। आपने अच्छे जनप्रतिनिधि चुने हैं। यह जनप्रतिनिधि इन विकास परियोजनाओं को जमीनी धरातल पर उतारने के लिए अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं। यहां के जनप्रतिनिधिगण शिक्षा, स्वास्थ्य तथा समाजसेवा आदि अनेक क्षेत्रों से जुड़े हैं। अलग-अलग फील्ड के विशेषज्ञों का राजनीति में आना अत्यन्त सराहनीय है।
भारत की परम्परा गौ और गंगा की परम्परा है। प्रदेश में खोले गए 7,700 से अधिक निराश्रित गौ-आश्रय स्थलों में राज्य सरकार 14 लाख गोवंश की देखभाल कर रही है। शेष गोवंश की जिम्मेदारी अन्नदाता किसानों को सौंपी गयी है। उन्हें प्रत्येक गोवंश के पालन पर 1,500 रुपये प्रतिमाह प्रदान किये जा रहे हैं। प्रधानमंत्री जी ने अविरल और निर्मल गंगा की परिकल्पना को साकार किया। नमामि गंगे परियोजना के कारण प्रयागराज महाकुम्भ ने उत्तर प्रदेश को एक नई पहचान दी है। 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने प्रयागराज त्रिवेणी के संगम में स्नान कर पुण्य की प्राप्ति कर भव्य और दिव्य महाकुम्भ का दर्शन किया।
इस अवसर पर स्कूल चलो अभियान से सम्बन्धित एक लघु फिल्म प्रदर्शित की गई।
पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री श्री धर्मपाल सिंह, वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री अरुण कुमार सक्सेना तथा बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री संदीप सिंह ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया।
इस अवसर पर सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जे0पी0एस0 राठौर, सांसद श्री छत्रपाल सिंह गंगवार, बरेली के महापौर श्री उमेश गौतम, विधायक श्री संजीव अग्रवाल, डॉ0 डी0सी0 वर्मा, प्रो0 श्याम बिहारी लाल, डॉ0 राघवेन्द्र शर्मा, डॉ0 एम0पी0 आर्य सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
