नई दिल्ली: खेल में रणनीति का अहम किरदार होता है। अच्छे खिलाड़ियों के साथ सही रणनीति का इस्तेमाल टीम को जीत तक ले जाता है। भारत क्रिकेट बोर्ड भी कुछ ऐसा ही कर रहा है। एक खास रणनीति के तहत भारत ने अपने पांच युवा गेंदबाजों को दुबई भेजा है।
तीन तेज गेंदबाजों में दिल्ली डेयरडेविल्स के आवेश खान, कोलकाता नाइट राइडर्स के प्रसिद्ध कृष्णा और सनराइडर्स हैदराबाद के सिद्धार्थ कौल मौजूद हैं। वहीं स्पिन गेंदबाजों में दिल्ली डेयरडेविल्स के शाहबाज नदीम और मुंबई इंडियंस के मयंक मार्कंडे को भेजा गया है। ये पांचों गेंदबाज टीम इंडिया के बल्लेबाजों को नेट प्रैक्टिस कराएंगे।
बीसीसीआई की ये खास रणनीति दक्षिण अफ्रीकी दौरे से पहले शुरु हुई।जब आवेश और बासिल थम्पी को टीम के साथ दक्षिंण अफ्रीका भेजा गया था।
इससे पहले बीसीसीआई ने लेफ्ट आर्म पेसर्स से निपटने के लिए श्रीलंका के मशहूर थ्रोडाउन एक्सपर्ट नुवान सेनेविरत्ने को हायर किया है। वो टीम इंडिया के साथ दुबई में हैं। नुवान ने श्रीलंका में प्रथम श्रेणी के सिर्फ दो मैच खेले हैं लेकिन उन्हें थ्रोडाउन का विशेषज्ञ माना जाता है। वो एनसीए में भी बतौर एक्सपर्ट जाते रहे हैं। भारत के पास पहले ही राघवेंद्र के तौर पर थ्रोडाउन एक्सपर्ट हैं लेकिन वो दाएं हाथ से प्रैक्टिस कराते हैं। रघु सचिन, विराट, द्रविड़ और लक्ष्मण जैसे बल्लेबाजों को थ्रोडाउन के जरिए प्रैक्टिस करा चुके हैं।
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा, ”आपको हर जगह अच्छे नेट गेंदबाज नहीं मिलते हैं और अभ्यास सत्र के दौरान सीनियर टीम के लिये यह समस्या बन जाती है। इसलिए हमने अपनी अगली श्रेणी के गेंदबाजों को भेजा है।” भारत एशिया कप में अपना पहला मैच 18 सितंबर को हांगकांग और अगला मैच 19 सितंबर को चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान से खेलेगा।