आईपीएल 2019 का टूर्नामेंट विश्व कप और लोकसभा चुनाव के बीच में फंसा हुआ है। इस बार के लोकसभा के चुनाव का ऐलान रविवार को मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने प्रेस कांफ्रेंस करके किया है। चुनाव आयोग के अनुसार इस बार चुनाव सात चरणों में होंगे। चुनाव 11 अप्रैल से 19 मई तक होंगे। इन चुनावों के कार्यक्रम को लेकर बीसीसीआई आईपीएल को लेकर काफी चिंतित है और अभी से भागदौड़ करनी पड़ सकती है।
ये है बीसीसीआई की सबसे बड़ी टेंशन
बीसीसीआई और फ्रेंचाइजी टीमें आईपीएल के 12 वें टूर्नामेंट को भारत में ही कराना चाहते थे। इसके लिए बीसीसीआई पर शुरू से दबाव डाला जा रहा है। टीमों के अलावा ब्राडकास्टर स्टार भी बीसीसीआई पर अपना दबाव बनाये हुए हैं। इन दोनों तरफ के दबाव के बावजूट टूर्नामेंट में लागत राशि बढ़ने को लेकर बीसीसीआई काफी टेंशन में है लेकिन अब लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद सारे विकल्प बंद हो गये हैं। अब बीसीसीआई को टूर्नामेंट के वेन्यू को लेकर नये सिरे से सोचना पड़ेगा।
क्या है लोकसभा चुनाव का कार्यक्रम
चुनाव आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने रविवार को ऐलान करते हुए बताया हैकि लोकसभा के चुनाव सात चरणों में कराये जायेंगे। चुनाव परिणाम की घोषणा 23 मई को होगी। चुनाव आयोग के अनुसार 7 चरणों में चुनाव का ऐलान किया है। 11, 18, 23, 29 अप्रैल एवं 6, 12 और 19 मई को चुनाव कराने का ऐलान किया है। सभी चरणों की वोटिंग की गिनती एक साथ 23 मई को होगी।
अब क्या करेगा बीसीसीआई
एकमाह तक चलने वाले लोकसभा चुनाव की तारीखें ऐसीं हैं जिनके चलते आईपीएल का टूर्नामेंट नहीं कराया जा सकता है। चुनाव आयोग ने आचार संहिता के तत्काल लागू होने की घोषणा कर दी है। साथ ही कहा है कि इसका उल्लंघन करने वाले के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। बीसीसीआई के सामने सबसे बड़ा संकट आईपीएल के फाइनल मैच को लेकर है। बीसीसीआई चाहता था कि आईपीएल का फाइनल मैच भारत में हो जो 19 मई को प्रस्तावित है और 19 मई को ही चुनाव का अंतिम चरण भी है। इसलिए अब बीसीसीआई को टूर्नामेंट विदेश में कराने का ही एकमात्र विकल्प बचा है।