देहरादून/गदरपुर: कांग्रेस कमेटी की प्रदेश महासचिव श्रीमती शिल्पी अरोरा ने गदरपुर में नायब तहसीलदार शेरसिंह ग्वाल के साथ मारपीट के मामले में आरोपी भाजपा विधायक अरविन्द पाण्डेय के कृत्य की कडे शब्दों में निन्दा करते हुए कहा कि विधायक होना कानून तोडने का लाईसेंस नही देता है और अरविन्द पाण्डेय को किसी भी प्रकार की गुण्डागर्दी करने का अधिकार नही है।
प्रेस को जारी एक विज्ञप्ति में कांग्रेस कमेटी की प्रदेश महासचिव शिल्पी अरोरा ने कहा कि गदरपुर में नायब तहसीलदार शेरसिंह ग्वाल के साथ की गई मारपीट की घटना में भाजपा विधायक अरविन्द पाण्डेय की भूमिका की जांच होनी चाहिए, क्योंकि एक सुनियोजित साजिश के तहत जनजाति समाज के बुजुर्ग अधिकारी के साथ अशोभनीय तरीके से मारपीट की घटना को अंजाम दिया गया, जिसकी जितनी भी निन्दा की जाये कम है। उन्हाेंने कहा कि विधायक अरविन्द पाण्डेय को किसी भी प्रकार की गुण्डागर्दी करने का कोई अधिकार नहीं हैं, और वो यह जान लेेेें कि विधयक होना कानून तोडने का लाईसेंस नही देता है। श्रीमती अरोरा ने कहा कि विधयक अरविन्द पाण्डेय ने बहुत ही चालाकी से अपने स्वार्थ की राजनीति में कई परिवारों को बलि का बकरा बनाया है, अगर वो चाहते तो नायब तहसीलदार द्वारा दिये गये निर्णय के खिलापफ कई विकल्पों का सहारा लेकर आवाज उठा सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा न करके अपनी गुण्डागर्दी से क्षेत्रा के शांत माहौल को खराब करने का प्रयास किया। श्रीमती अरोरा ने कहा कि नायब तहसीलदार शेरसिंह ग्वाल पर चरित्राहनन करने का आरोप लगाकर विधयक अरविन्द पाण्डेय ने अपनी कुंठित सोच का परिचय दिया है। उन्होंने कहा कि विधयक अरविन्द पाण्डेय एक जनप्रतिनिध् िहैं, जिन्होंने हिंसा का सहारा लेकर अपने पद की गरिमा के अनुकूल कार्य किया। उन्होंने कहा कि अरविन्द पाण्डेय चाहते तो अपनी बात को प्रभावी तरीके से उठा सकते थे, लेकिन खुलेआम गुण्डागर्दी एवं कानून को ठंेगे पर रखने का दुस्साहस दिखाकर वो क्षेत्रा के युवाओं एवं जनता को क्या संदेश देना चाहते हैं, अब सभी को समझ लेना चाहिए। कांग्रेस प्रदेश महासचिव शिल्पी अरोरा ने कहा कि दो बार बाजपुर विधनसभा से विधयक चुने जाने वाले अरविन्द पाण्डेय ने विकास के झूठे दावे करके जनता को गुमराह किया, और अब गदरपुर विधनसभा के लोगों को भी उसी राह पर चलने के लिए मजबूर कर गुमराह कर रहे हैं। श्रीमती अरोरा ने स्थानीय पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि पुलिस चाहती तो विधयक अरविन्द पाण्डेय को तत्काल गिरफ्रतार कर सकती थीं, लेकिन सभी ने अपनी जिम्मेदारियों से बचने का प्रयास किया। श्रीमती अरोरा ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने कम्बोज ध्र्मशाला में सभा करने के दौरान जिस प्रकार से एनएच-74 को जाम कर विरोध् जुलूस निकाला और विधयक अरविन्द पाण्डेय का समर्थन किया, उनके खिलापफ सख्त कार्यवाही किये जाने की जरूरत थीं, लेकिन पुलिस के ही कुछ लोगों ने उन्हें सुरक्षित भाग निकलने में मदद की है। श्रीमती अरोरा ने कहा कि ऐसे पुलिसकर्मियों के खिलापफ सख्त कार्यवाही होनी चाहिए और पुलिस प्रशासन विधयक अरविन्द पाण्डेय एवं उनके सहयोगियों को अविलम्ब गिरफ्रतार करके कानून व्यवस्था का यथोचित सम्मान करे, ताकि आम जनमानस में भी पुलिस पर विश्वास बना रहे।