अलाप्पुझा (केरल): जहरीला फल खा कर आत्महत्या करने वाली एथेलीट अपर्णा ने यह कदम उठाने से कुछ घंटे पहले मां से इसके लिए माफी मांगी थी। स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी के कथित रूप से किए जा रहे शारीरिक और मानसिक शोषण के चलते अपर्णा और तीन अन्य महिला खिलाडियों ने यह कदम उठाया था। जहरीला फल खाने के बाद जहां अन्य तीन खिलाडियों का उपचार चल रहा है, वहीं अपर्णा की कल ही मौत हो गई थी।
अपर्णा की मां गीता ने बताया कि जब उनकी बेटी को गुरूवार को अस्पताल में उपचार के लिए लाया गया था तब अपर्णा ने उन्हें एसएआई के होस्टल में हुए शारीरिक और मानसिक शोषण के बारे में बताया था। गीता के मुताबिक अपर्णा ने मरने से पहले कहा था, “मां मुझे माफ कर देना। मेंने यह सब वरिष्ठ “चीची” (बड़ी बहन समान) की प्रताड़ना से तंग आकर किया है, क्या मैं जीवित नहीं रहूंगी?”
गीता ने यह भी बताया कि उसकी बेटी का इरादा आत्महत्या करने का नहीं था, लेकिन लगातार हो रहे शोषण ने उसे यह कदम उठाने के लिए मजबूर किया। गीता ने कहा, “मेरी बेटी 15 अप्रेल को विषु उत्सव क े लिए घर आई थी और तब उसने मुझे बताया था कि उसके होस्टल के कमरे में उसकी सीनियर्स के साथ उसे परेशानी हो रही है। जब होस्टल की वॉर्डन को बताया गया तो उसने तीन महीने में कमरा बदलने का वादा किया था।”
गीता ने बताया कि बाद में उसकी बेटी ने उसे यह आश्वासन दिया था कि अब होस्टल में सब ठीक है और उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है। गीता ने कहा, “लेकिन अस्पताल के बिस्तर पर जिंदगी के लिए लड़ते हुए मेरी बेटी ने मुझे अपने सीनियर्स के बारे में सारा सच बताया। उसने बताया कि दो सीनियर्स आए दिन अपर्णा और अन्य लड़कियों के साथ बदसलूकी करती थीं, जिसकी वजह से उन्होंने जहरीला फल खाया।”
अपर्णा पिछले पांच सालों से एसएआई के वॉर्टर स्पोर्ट्स ट्रेनिंग सेंटर में ट्रेनिंग ले रही थी। गीता ने बताया कि उसकी बेटी ने पारिवारिक परिस्थितियों के चलते प्रताड़ना के बावजूद उसी होस्टल में रहना मुनासिब समझा। अपर्णा छोटे भाई को अच्छी जिंदगी देने के लिए नौकरी करना चाहती थी। उसके पिता हाउस बोट में काम करते हैं, जबकि मां आंगनबाड़ी कर्मचारी है। अपर्णा से पूरे परिवार की उम्मीदें जुड़ी थीं।
उधर अन्य तीन खिलाडियों की हालत स्थिर बताई जा रही है। वे अभी अस्पताल में ही हैं। केरल के गृहमंत्री रमेश चेन्नीताला ने निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है। अलापुझा मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के सुप्रि ंटेंडेंट संतोष राघवन ने बताया कि तीनों लड़कियों की हालत नाजुक लेकिन स्थिर बनी हुई है। राघवन ने बताया, “हम शरीर के अहम अंग दिल को ट्रीट कर रहे हैं। दिल्ली के एम्स अस्पताल से मेडिकल एक्सपर्ट् स के साथ टेलिकॉन्फ्रेंसिंग भी की गई है।”