नई दिल्ली: इराक में मारे गए 39 भारतीयों का शव अपने देश वापस लाने की पूरी तैयारी हो चुकी है। विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह आज (1 अप्रैल) को इराक दौरे पर जाएंगे और 2 अप्रैल वह भारतीयों के शवों के लेकर भारत वापस लौटेंगे। इन शवों को भारतीय वायुसेना की मदद से सबसे पहले अमृतसर लाया जाएगा जिसके बाद पटना और फिर कोलकाता ले जाया जाएगा।
Minister of State for External Affairs VK Singh leaves for Iraq to bring back mortal remains of 38 Indians who were killed by ISIS in Mosul. pic.twitter.com/SuRIbIg1VB
— ANI (@ANI) April 1, 2018
इराक जाने से पहले विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह बोले कि मैं 38 भारतीयों के अवशेष लेने मोसुल जा रहा हूं, एक का केस पेंडिंग होने के चलते हमें उनका अवशेष नहीं मिलेगा। भारतीयों के अवशेष पूरे सबूत के साथ उनके परिवारों को सौंप दिए जाएंगे ताकी किसी को भी कोई संदेह ना रहे।
`I am going to Mosul to get mortal remains of 38 Indians, we won't get one man's remains as his case is pending. We will handover coffins to the family members with evidence so that they have no doubts about it. My deepest condolences to the families of the deceased: Gen VK Singh pic.twitter.com/JpqUzGMTO7
— ANI (@ANI) April 1, 2018
I am leaving for Iraq, will be getting back mortal remains of the 39 Indians. Will return to Amritsar, then Kolkata and then Patna. Families have been informed: VK Singh, MoS, MEA pic.twitter.com/xW1kGP1wuY
— ANI (@ANI) April 1, 2018
बता दें कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने राज्यसभा में कहा था कि करीब 40 भारतीयों को इराक के मोसुल से आईएसआईएस आतंकी संगठन ने अगवा कर लिया था लेकिन उनमें से एक खुद को बांग्लादेशी मुसलमान बता कर बच निकलने में कामयाब रहा। उन्होंने कहा था कि शेष 39 भारतीयों को बादूश ले जाया गया और उनकी हत्या कर दी गई।
आईएस ने 39 भारतीयों का अपहरण करने के बाद उनके सिर में गोली मार कर हत्या की थी। साल 2014 में अपहृत इन भारतीयों के डीएनए जांच से आतंकी संगठन की दरिंदगी की पुष्टि हुई थी। इराक के स्वास्थ्य मंत्रालय के फोरेंसिक मेडिसिन विभाग ने बदूश गांव से मिले भारतीयों के शवों के डीएनए की जांच की थी। विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर जैद अली अब्बास ने बगदाद से फोन पर खास बातचीत में कहा थी, ‘अधिकतर शवों के सिर में गोली मारे जाने के निशान हैं।’ (हिन्दुस्तान)