लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री श्री पारस नाथ यादव ने आम प्रदर्शनी में कहां कि प्रदेश सरकार किसानों की खुशहाली के लिए हर संभव प्रयास करेंगी, क्योंकि किसानों की खुशहाली के बगैर देश-प्रदेश तरक्की नही कर सकता। उन्होंने कहा कि पेड़-पौधे हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत उपयोगी है। आम प्रदर्शनी का महोत्सव के रूप में अयोजन किया जाना, निश्चित रूप से इसके दूरगामी परिणाम मिलेंगे।
और इससे किसानों का मनोबल बढे़गा। उन्होंने कहां कि आम प्रयोग हमारी सभ्यता एवं सस्कृति में बहुदेशीय है इसका धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व भी है। उद्यान मंत्री आज यहाॅ पर्यटन भवन में उद्यान विभाग, केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, तथा आम विविधता संरक्षण समिति द्वारा आयोजित दो दिवसीय ‘‘आम विविधता प्रदर्शनी एवं सुरक्षित आम उत्पादन तथा पक्वन हेतु सहभागिता संगोष्ठी‘‘ उद्घाटन में यह बात कहीं । उन्होंने कहा कि प्रदर्शनी में प्रदर्शित किये गये आम की रंग-बिरंगी किस्मों को देखकर लोगों के मन में इन फलों को पेड़ पर लगे हुये देखने की इच्छा जागृत होगी, इसको मूर्त रूप देने के लिए हार्टी टूरिज्म को विकसित किये जाने की आवश्यकता है। इसके लिए पर्यटन विभाग के सहयोग से बागवानों को प्रेरित करके आम के बड़े बागों केे बीच सुविधाओं से युक्त छोटी-‘छोटी हाट का निर्माण करना होगा।़ श्री यादव ने प्रदर्शनी में कहां कि प्रदेश सरकार आम क्षेत्र का विस्तार, अनुरक्षण, पुराने बागों का जीर्णोद्धार, सुरक्षित रूप से पकाने हेतु रायपनिंग चैम्बर की स्थापना, प्रसंस्करण हेतु प्रसंस्करण इकाईयों की स्थापना, सार्टिंग, ग्रेडिंग एवं पैकिंग हेतु पैक हाउस की स्थापना के लिए एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजनान्तर्गत बागवानों को अनुदान दे रही है प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आनन्द मिश्रा ने इस अवसर पर कहां कि प्रदेश की तरक्की में आम का महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। प्रदेश में 40 से 43 लाख मी0 टन आम का उत्पादन होता है देश के सबसे बड़े आम उत्पादक राज्य में 2.62 लाख हेक्टे0 क्षेत्रफल में आम के बाग हैं और यहाॅ लगभग 500 करोड़ रूपये का आम उत्पादन होता है। उन्होंने कहां कि अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर हमारा योगदान बढ़े, इसके लिए निर्यात के साथ आम की गुणवक्ता तथा आम के प्रोसेसिंग उद्योग को बढ़ाने की जरूरत है। प्रमुख सचिव उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण श्री दीपक त्रिवेदी ने कहां कि प्रदर्शनी का उद्देश्य जनमानस में आम की विभिन्न किस्मों की पहचान कराना है तथा इनका संरक्षण कैसे किया जाय इसकी जानकारी देना है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में 16.4 मी0 टन प्रति हेक्टे0 आम की उत्पादकता है उत्तर प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य है जहां पर आम के साथ अमरूद एवं आंवला के संहत क्षेत्रों को चिन्हित करके फल पट्टी के रूप में घोषित किया गया है तथा इसके संरक्षण के लिए ‘‘उत्तर प्रदेश फलदार वृक्षों का सम्बर्द्धन एवं संरक्षण अधिनियम 1985‘‘ प्रभावी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 13 जनपदों में आम की 18 फल पट्टियां घोषित है जो कि लखनऊ,सहारनपुर, मेरठ,मुरादाबाद, फैजाबाद, इलाहाबाद तथा वाराणसी मण्डलों में स्थित है। उन्होंने बताया कि अब तक 150 मी0 टन आम का निर्यात विदेशों को किया जा चुका है निदेशक केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान डा0 शैलेन्द्र राजन ने बताया कि भारत में बड़े पैमाने पर आम की विभिन्न प्रजातियों का उत्पादन होता है जिसमें दशहरी, लंगड़ा, चैसा, सफेदा, गौरजीत, रटौल, बाम्बे ग्रीन/यलों प्रमुख व्यावसायिक प्रजातिया है। इसके अलावा भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित अम्रपाली एवं मल्लिका, पूसा अरूणिमा एवं सूर्या, सी.आई.एस.एच. द्वारा विकसित अम्बिका आम की अच्छी प्रजातियां है उन्होंने कहा कि आम की सभी किस्में पोषक तत्वों से भरपूर तथा स्वास्थ्य वर्धक है प्रदर्शनी के उदघाटन अवसर पर निदेशक उद्यान श्री एस0पी0जोशी, सुश्री ज्योत्सना हबीबुल्ला, डा0 ए0के0 विश्नोइ, श्री ए0सी0 शुक्ला आदि ने भी सम्बोधित किया तथा बागवानों को आम की विविधता के बारे जानकारी दी । उद्यान मंत्री ने सर्वप्रथम दीप प्रज्ज्वलित कर प्रदर्शनी का उद्घाटन किया । प्रदर्शनी में बागवानों द्वारा आम की लगभग 1130 विभिन्न प्रजातियों/किस्मों का प्रदर्शन किया गया। डा0 अन्जु बाजपेयी द्वारा कार्यक्रम का संचालन डा0 ए0के0 मिश्रा द्वारा धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया गया, प्रदर्शनी में उद्यान विभाग के अधिकारी, बागवान, गणमान्य व्यक्ति तथा अन्य संस्थानों के अधिकारी उपस्थित थे।