देहरादून: राजधानी में घूम रहें आवारा पशुओं के प्रति भी राज्य सरकार व प्रशासन के साथ पशु प्रेमियों को आगे आना होगा, तभी हम पशुओं को सुरक्षा दे सकेंगे। ये बात आवारा पशु एंव पर्यावरण संरक्षण के पुनीत बग्गा ने चकराता रोड पर अपने कार्यालय मे प्रेस वार्ता को सम्बोंधित करते हुये कही। श्री बग्गा ने कहा कि राजधानी में आवारा कुत्तों की तादात दिन पे दिन बढ़ती जा रही है,जिसे रोकने के लिए सरकार या जिला प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम नही उठाया गया है। उन्होंने कहा कि वह पिछले पांच वर्षो से आवारा कुत्तों व पशुओं का भोजन खिला रहें है, जिसमें सिर्फ उनके साथियों का उन्हें सहयोग मिल रहा है, जबकि उनके द्वारा ऐसी किसी संस्था व सरकार के बिना सहयोग के नित्य पशुओं की सेवा में अपना समय व्यतीय करता हूं। श्री बग्गा ने कहा कि राजधानी में रिहाइशी कालौनियों में आवारा पशुओं को खाना नही मिल पा रहा है, जिस कारण अधिकतर कुत्तें मौत व बीमारी के शिकारी हो रहें और चिड़चिडे़ होने के कारण मानव को काटने की घटनाएं घट रही है।
उन्होंने बताया कि पशु प्रेमी होने के नाते उन्होंने देखा है कि आवारा कुत्तो की फिमेल प्रजाति सीजन के समय एक रेप मशीन बनी होती है और छिपने के लिए स्थान ढु़ढती है, सुरक्षित स्थान न मिल पाने के कारण उनके साथ गलत होता है जो की न चाहते हुये भी मजबूरन उनको 6 से 8 बच्चें भी पैदा करने होते है। उन्होंने कहा कि वन टाईम मिशन करके सारी कुतियों का ईलाज किया जाये तथा इनकी जनसंख्या पर पूर्णत्या लगाम लगानी चाहिए, और जो भी पशु जीवित मिले उन्हें खाने को भोजन मिले जो में करता आ रहा हूॅ, खाना मिलने से आवारा पशु किसी को नही काटता है। हम चाहते है कि और पशु पे्रमी हमसे सम्पर्क करे एंव जल्द संस्था का गठन हो जिसमें संस्था का उदद्वेश्य गाय भैस एवं वछड़ो का संरक्षण दिये जाने व हर डेरी व दूधारू पशु व उसके बच्चें को चिन्हित कर एंव जन्म एंव मृत्यु का लेखा जोखा पूर्ण होना चाहिए। साथ ही सभी दुधारू पशु अपनी पूर्ण जिन्दगी दूध देते है और जब वह वृद्व हो जाते है तो वे किसी भी लिहाज से उसका वध न होने दे बल्कि पशु स्वामी द्वारा उसे पालना चाहिए, साथ ही मृत्यु होने पर संम्बधित संस्था को सूचित करें। हर वछड़े के पैदा होने की रिर्पोट अनिवाार्य होगी यदि व मेल है और मालिक नही पालना चाहता तो संस्था द्वारा चिन्हित जगह पर छुड़वाना पड़ेगा। उन्होने कहा कि हम अपनी संस्था में जानवरों के प्रति सहानुभुति रखने वालो को नि-शुल्क रजिस्ट्रेशन के लिए आमंत्रित करते है । साथ ही पर्यावरण सुरक्षा के लिए फलदार पेड़ काटने से रोकने के लिए संस्था कार्य कर ही रही है।