लखनऊ: उत्तर प्रदेश में खादी के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए बिक्री आधारित छूट के स्थान पर उत्पादन आधारित छूट की प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। पं0 दीन दयाल उपाध्याय खादी विपणन विकास सहायता योजना के तहत प्रदेश के 9023 खादी कामगारों एवं 63 खादी संस्थाओं को कुल एक करोड़ 68 लाख रुपये के सब्सिडी की धनराशि के आज उनके खातें में आर0टी0जी0एस0 के माध्यम से हस्तांतरित कर दी गई है।
यह जानकारी अपर मुख्य सचिव, खादी एवं ग्रामोद्योग डा0 नवनीत सहगल ने आज यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में खादी रोजगार सृजन का एक सशक्त माध्यम है। अधिक से अधिक रोजगार सृजन हेतु आवश्यक है कि प्रदेश में खादी के उत्पादन को बढ़ावा दिया जाय। स्वावलम्बन एवं रोजगार सृजन के दृष्टिगत वित्तीय वर्ष 2017-18 में खादी वस्त्रों की बिक्री पर छूट योजना के स्थान पर खादी और ग्रामोद्योग आयोग, भारत सरकार की भांति उत्पादन पर छूट आधारित पं0 दीन दयाल उपाध्याय खादी विपणन विकास सहायता योजना लागू की गयी है।
डा0 सहगल ने बताया कि प्रदेश में खादी का उत्पादन करने वाली संस्थाओं को बोर्ड द्वारा 15 प्रतिशत की दर से खादी उत्पादन पर पं0 दीन दयाल उपाध्याय खादी विपणन विकास सहायता योजनान्तर्गत छूट प्रदान की जाती है। इस छूट की राशि को तीन भागों में विभाजित किया गया है। खादी संस्था में कार्यरत कत्तिन/बुनकर को उत्पादन प्रोत्साहन हेतु भुगतान 34 फीसदी, संस्था को उत्पादन अवस्थापना को सुदृढ़ किये जाने हेतु 33 प्रतिशत तथा संस्था को विपणन संवर्धन हेतु सहायता 33 प्रतिशत राशि देने की व्यवस्था है। उन्होंने बताया कि देश में उत्तर प्रदेश प्रथम राज्य है, जहां सौर ऊर्जा आधारित चर्खों के संचालन को मान्यता प्रदान करते हुए अनुदान की सहायता उपलब्ध करायी जा रही है।