नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में दिए अपने बजट भाषण में विभिन्न कर रियायतों एवं प्रोत्साहनों को तर्कसंगत बनाने का प्रस्ताव किया, लेकिन आयकर में छूट नहीं दी। हालांकि उन्होंने कर विवादों में कमी आ सके इसके प्रयास जरूर किये हैं। चलिये जेटली के आयकर के इस नये फंडे को समझने के प्रयास करते हैं।
जेटली ने कहा कि बचत को बढ़ावा देने के लिए स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर कटौती की सीमा को 15,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये करने का प्रस्ताव किया गया है। वहीं, वरिष्ठ नागरिकों के मामले में इसे 20,000 रुपये से बढ़ाकर 30,000 रुपये करने का प्रस्ताव किया गया है।
बीमारियों पर होने वाला खर्च
बजट में यह भी प्रस्ताव है कि अत्यंत वरिष्ठ नागरिक के मामले में निर्दिष्ट बीमारियों के कारण होने वाले खर्चों पर कटौती की सीमा 60,000 रुपये से बढ़ाकर 80,000 रुपये कर दी जाए। बजट में एक प्रस्ताव यह भी कि आश्रित विकलांग व्यक्ति के चिकित्सा उपचार सहित देखभाल के संबंध में कटौती की सीमा 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दी जाए। इसके साथ ही गंभीर विकलांगता की दशा में कटौती की सीमा को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.25 लाख रुपये करने का प्रस्ताव बजट में किया गया है।
सुकन्या समृद्धि योजना
बजट में एक प्रस्ताव यह है कि ‘सुकन्या समृद्धि योजना’ में किए जाने वाले निवेश पर धारा 80सी के तहत रियायत मिलेगी तथा इस योजना के तहत किए जाने वाले किसी भी भुगतान पर कर नहीं लगेगा। बजट में एक प्रस्ताव यह है कि नई पेंशन स्कीम में कर्मचारी द्वारा किए जाने वाले अंशदान के कारण कटौती की सीमा 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.50 लाख रुपये कर दी जाए। नई पेंशन स्कीम में किए गए अंशदान के संबंध में 1.50 लाख रुपये की सीमा के अलावा 50,000 रुपये की कटौती प्रदान करने का भी प्रस्ताव बजट में है।
कर में कटौती का ब्यौरा कुछ इस प्रकार रहेगा-
धारा 80सी के तहत कटौती 1,50,000 रुपये
धारा 80सीसीडी के तहत कटौती 50,000 रुपये
आवास (स्व-अधिकृत) ऋण के ब्याज पर कटौती 2,00,000 रुपये
स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर धारा 80डी के तहत कटौती 25,000 रुपये
परिवहन भत्ते पर छूट 19,200 रुपये
कुल 4,44,200 रुपये
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