लखनऊ: समाजवादी पार्टी में जारी वर्चस्व की जंग के बीच रविवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में पार्टी का अध्यक्ष चुने जाने के बाद विधानपरिषद सदस्य नरेश उत्तम पटेल को पार्टी का नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया. शिवपाल यादव की नेमप्लेट को भी हटा दिया गया है.
अखिलेश के करीबी माने जाने वाले सपा प्रवक्ता एवं राज्य के कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र चौधरी ने बताया कि अखिलेश ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की हैसियत से विधानपरिषद सदस्य नरेश उत्तम पटेल को शिवपाल यादव की जगह पार्टी का नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है. पटेल ने पदभार ग्रहण कर लिया है. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी ने पूरे तौर पर अखिलेश का अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष मान लिया है और अब उनके निर्णयों को किसी भी तरह चुनौती नहीं दी जा सकती. रामगोपाल यादव को पार्टी से निष्कासित करने के मुलायम सिंह के फैसले के बारे में पूछने पर चौधरी ने कहा कि ऐसा कोई फैसला मान्य नहीं होगा. लखनऊ में सपा मुख्यालय के बाहर समर्थकों के हंगामे के बारे में पूछे जाने पर चौधरी ने कहा कि आज के इतने बड़े घटनाक्रम के बाद राज्य मुख्यालय पर समर्थकों की भीड़ उमड़ना स्वाभाविक है.
वहीं, शिवपाल समर्थकों ने आरोप लगाया कि अखिलेश समर्थकों ने सपा मुख्यालय पर कब्जा कर लिया है उन्हें पार्टी हेडक्वार्टर में प्रवेश करने से रोका गया.
मुलायम सिंह ने भी समाजवादी पार्टी के उपाध्यक्ष किरणमय नंदा को ‘असंवैधानिक’ राष्ट्रीय सम्मेलन में शामिल होने और पार्टी-विरोधी गतिविधियों के कारण पार्टी से निष्कासित कर दिया है.
इससे पहले, रामगोपाल यादव द्वारा आज लखनऊ में बुलाई गई विशेष राष्ट्रीय अधिवेशन को सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने असंवैधानिक करार दिया. उनके मुताबिक रामगोपाल इस तरह की बैठक को बुलाने के लिए अधिकृत नहीं हैं. इसलिए रामगोपाल को एक बार फिर से पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. इससे पहले शुक्रवार को भी रामगोपाल और अखिलेश यादव को छह साल के लिए पार्टी से बाहर कर दिया गया था लेकिन शनिवार को सुलह के तहत उनकी वापसी हो गई थी. अब फिर मुलायम सिंह ने कहा है कि रामगोपाल की बर्खास्तगी बरकरार रहेगी.
मुलायम सिंह ने कार्यकर्ताओं को लिखे खत में यह भी कहा कि आज का राष्ट्रीय अधिवेशन अवैध है और अब वह पार्टी प्रमुख की हैसियत से पांच जनवरी को राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाने जा रहे हैं.
इससे पहले उन्होंने आज सुबह एक खत जारी किया, जिसके मुताबिक रामगोपाल यादव इस तरह की बैठक बुलाए जाने के लिए अधिकृत नहीं हैं. मुलायम ने चेतावनी देने के अंदाज में कहा कि जो लोग भी इस बैठक में हिस्सा लेंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
हालांकि इस चेतावनी के बावजूद भारी संख्या में कार्यकर्ता पहुंचे और विशेष अधिवेशन में मौजूद पार्टी नेताओं ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को सर्वसम्मति से पार्टी अध्यक्ष मान लिया. साथ ही पार्टी के उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष शिवपाल यादव को पद से हटा दिया गया है और पार्टी महासचिव अमर सिंह को भी पार्टी ने निकालने का प्रस्ताव पास कर दिया है.
उधर, पार्टी के लोगों को संबोधित करते हुए महासचिव रामगोपाल यादव ने कहा कि पूरा देश यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की तारीफ कर रहा है. ऐसे में भी इनकी कोई बात नहीं मानी गई. उन्होंने कहा कि तब पार्टी कार्यकर्ताओं ने अपील की कि राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाया जाए. यही वजह है कि पार्टी का आपातकालीन राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाया गया है. रामगोपाल यादव ने कहा दो लोगों ने पार्टी को खत्म करने की साजिश की.
उन्होंने आगे कहा कि इस सम्मेलन में पहला प्रस्ताव सर्वसम्मति से यूपी के मुख्यमंत्री को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का है और उन्हें यह अधिकार देना है कि वह समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी को जरूरत के हिसाब से गठित करें. दूसरे प्रस्ताव के तहत शिवपाल यादव को प्रदेश अध्यक्ष से हटाने और अमर सिंह को पार्टी से बाहर करने का पेश किया गया. सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव को पास भी कर दिया गया.
साभार एनडीटीवी इंडिया