देहरादून: एक माह में उत्तरकाशी में इको सेंसटिव जोन में आने वाले क्षेत्रों का भागीरथी नदी घाटी विकास प्राधिकरण के अंतर्गत मास्टर प्लान तैयार किया जाए। इस हेतु जिला कार्यालय परिसर, उत्तरकाशी में कार्यालय खोला जाए। मास्टर प्लान तैयार करने में क्षेत्र के ग्राम प्रधानों व इससे संबंधित विभागों का भी सहयोग लिया जाए। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मंगलवार को बीजापुर हाउस में भागीरथी नदी घाटी विकास प्राधिकरण की बैठक में उक्त निर्देश दिए। बैठक में मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि भागीरथी नदी घाटी विकास प्राधिकरण नदी के ईको सिस्टम को संरक्षित करने का काम करें। उन्होंने कहा कि प्लान में ग्रामीण क्षेत्रों के क्रियाकलाप व आवश्यकताओं को ध्यान में रखा जाए। भागीरथी नदी घाटी विकास प्राधिकरण का मुख्य कार्य नदी क्षेत्र में ईको सिस्टम को बनाये रखते हुए सतत विकास की अवधारणा को सुनिश्चित करना है। इसके लिए वृहद स्तर पर वृक्षारोपण किया जाए। मुख्यमंत्री श्री रावत ने सचिव वित्त को प्राधिकरण के लिए 2 करोड़ रूपये जारी करने के निर्देश दिए। बैठक में भागीरथी नदी विकास प्राधिकरण द्वारा वैब जी.आई.एस. आॅफ मास्टर प्लान का प्रस्तुतिकरण दिया गया। जिसमें प्रत्येक विभागों से संबंधित निर्माण कार्य व अन्य गतिविधियों को जोड़ा गया है। मुख्यमंत्री ने प्रत्येक संबंधित विभागों को आपस में समन्वय स्थापित कर कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ईको-सिस्टम को बनाये रखने के लिए हर संभव प्रयास किये जाए। बैठक में कैबिनेट मंत्री दिनेश धनै, विधायक विक्रम सिंह नेगी, भीम लाल आर्य, उपाध्यक्ष भागीरथी नदी घाटी विकास प्राधिकरण कीर्ति सिंह नेगी, मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, मुख्य प्रधान सचिव (मुख्यमंत्री) राकेश शर्मा, आयुक्त गढ़वाल सी.एस.नपल्चयाल, जिलाधिकारी उत्तरकाशी विनय शंकर पाण्डेय सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
