देहरादून: भण्डारी बाग के पास मुस्लिम कालोनी में आयोजित वृक्षारोपण कार्यक्रम में वन एवं वन्यजीव, न्याय एवं खेल मंत्री दिनेश अग्रवाल ने वृक्षा रोपण किया। इस अवसर पर मा. मंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड प्रदेश 71 प्रतिशत वन क्षेत्र है जो पर्यावरण की दृष्टि से पूरे देश की रक्षा करता है। उन्होने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य को हरा-भरा राज्य बनाने के लिए सभी को वृक्षारोपण करना अनिवार्य है।
उन्होने कहा कि मा0 मुख्यमंत्री द्वारा संचालित ग्रीन मिशन को पूरा करने हेतु हम संकल्पबद्ध है तथा हरेला कार्यक्रम में अब तक 1.5 लाख वृक्ष लागाये जा चुके हैं तथा वृक्षारोपण कार्यक्रम जारी है। प्रदेश स्थित नदियों का रिचार्ज बढाने के लिए हमे अधिक- से अधिक वृक्ष लगाने होगें, ताकि हमारी नदियों का रिचार्ज बढे एवं उनका जल स्तर बना रहे। उन्होने कहा कि गंगा नदी सहित प्रदेश स्थित सात अन्य नदियों के आस-पास साफ-सफाई का कार्य सरकार की प्राथमिकता में है। उन्होने कहा कि पर्यावरण संतुलन हमारा संकल्प है, जिसके लिए हमारी सरकार ने जन सहभागिता से युवाओं की आजीविका को वनो से जोड़ा है। उन्होने कहा अपने आस पास के वातावरण को साफ एवं स्वच्छ रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। उन्होने सभी लोगों से अपने घरों के आस-पास पेड लगाने की अपील की। उन्होने कहा कि हम जो पेड लगा रहे है, उसकी रक्षा करना हमारा प्रथम दायित्व है। उन्होने कहा कि राज्य सरकार द्वारा ग्रीन बोनस के रूप में फलदार एवं चारा प्रजाति के वृक्ष लगाये जा रहे है, जिसके लिए चूल्लू, अखरोट एवं महुआ के वृक्ष लगाने पर 400 रू. तथा चारा प्रजाति के वृक्ष लगाने के लिए 300 रू. प्रति वृक्ष की दर से दिया जा रहा है, उसे कोई भी व्यक्ति 100 वृक्ष तक लगा सकते है तथा 3 साल तक वृक्ष की रक्षा करने तथा उसके संरक्षण के लिए उसे तीन साल बाद 30 हजार की धनराशि तथा ब्याज सहित धन मुहैया कराया जायेगा। उन्होने कहा कि मा. मुख्यमंत्री की एक मुहिम उत्तराखण्ड को हरित प्रदेश बनाना है। तथा यह योजना पहाडों से हो रहे पलायन को रोकने में भी कारगर है।
मा0 वन मंत्री ने कहा कि जीवनदायिनी मां गंगा एवं यमुना का अस्तित्व बचाने के लिए वृक्षारोपण करना अनिवार्य है। वृक्षों की अधिकता से पर्यावरण स्वच्छ होने के साथ ही जलस्त्रोत भी रिचार्ज होगें, जिससे पानी संरक्षित होगा । उन्होने कहा कि इसी उद्देश्य को सार्थक करने के लिए मा0 मुख्यमंत्री द्वारा ’’हमारा पेड़ हमारा धन’’ योजना शुरू की है, इस योजना को सफल बनाने के लिए मा0 मुख्यमंत्री की पहल पर हरेला महोत्सव कार्यक्रम चलाया गया है।
उन्होने कहा कि उत्तराखण्ड में पारिस्थितिकीय पर्यटन विकास कार्य संचालित है। उन्होने कहा कि चिडि़यापुर के पास बंदरवाड़ा बनायेगें तथा केन्द्र से अनुमति मिलते ही टाईगर एवं लेपर्ड सफारी योजना को अमलीजामा देंगे।
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