देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बी.एच.ई.एल कन्वेन्शन हाॅल में खिलती कलियां योजना का उद्घाटन करते हुए कहा कि जनपद में कोई भी बच्चा कुपोषित नहीं होगा, हर बच्चे को पूर्ण पोषण मिलेगा। इसके लिए महिला सशकतीकरण एवं बाल विकास विभाग द्वारा जनपद में 6वर्ष तक के कुपोषित बच्चों का चयन किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि कुपोषित बच्चों को पूर्ण पोषण देने के लिए जनपद में राजनैतिक संस्थाओं से जुडे़ लोग, सामाजिक कार्यकर्ता एवं अधीकारीगण दो-दो बच्चों को गोद लेंगे एवं उनकी मोनेटिरिंग करेंगे। उन्होंनें कहा कि यदि प्रत्येक सक्षम व्यक्ति दो-दो बच्चों की देखभाल करेगा तो जनपद में कोई भी बच्चा कुपोषित नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि आशा, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां एवं सुपरवाईजर एक सघन अभियान चलाकर ऐसे बच्चों को आगे लाएं जो कुपोषित हैं। यह सरकार का दायित्व है कि उनको उचित पोषाहार दिया जाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि गर्भवती महिलाओं को दिए जा रहे पोषण को दुगुना किया जाए एवं उचित प्रोटीन के लिए उन्हें मंडुवे एवं काली दाल दी जाए जिससे मातृत्व मृत्यु दर में कमी लाई जा सके और बच्चों को कुपोषण से बचाया जा सके। इसकेे लिए खर्चे की व्यवस्था मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से की जायेगी। उन्होंने कहा कि स्वस्थ माॅ से स्वस्थ समाज का निर्माण होता है। प्रत्येक माह की 05 तारीख को आई.सी.डी.एस. विभाग द्वारा बच्चों का वजन पखवाड़ा लगाया जाता है उसमें सम्बन्धित विभागों को बुलाकर महिला स्वास्थ्य एवं महिला सशक्तीकरण पर भी चर्चा होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों, सामाजिक एवं राजनैतिक कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए कहा कि वे एक-एक आंगनबाड़ी केन्द्रों को गोद लें। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी हरिद्वार को निर्देश देते हुए कहा कि वे जनपद में बहुद्देशीय कैम्प लगायें जिससे लोगों की पेंशन, स्वास्थ्य एवं प्रमाण पत्र सम्बन्धी समस्याओं का शीघ्रता से निराकरण हो सके। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने टेक होम राशन एवं हाईजिन किट का वितरण किया।
सचिव महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास भूपेन्दर कौर ने कहा कि बच्चों में कुपोषण का प्रमुख कारण लड़कियों की कम उम्र में शादी करना तथा बच्चों का पैदा होना है, उन्होंने कहा कि गर्भवती माताओं को एनीमिया होने के कारण भी बच्चे कुपोषित हो जाते हैं, इसके लिए हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि खिलती कलियां योजना के तहत जन सहयोग मिलने पर बच्चों में कुपोषण को दूर किया जा सकता है। बी.एच.ई.एल. के कार्यपालक निदेशक प्रकाश चन्द्र ने 200 कुपोषित बच्चों को गोद लेने, उनका स्वास्थ्य परीक्षण करवाने तथा ईलाज कराने का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री के ओ.एस.डी. पुरूषोत्तम शर्मा ने अपने वेतन से आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए दो आर.ओ. एवं 300 नेल कटर देने की घोषणा की। जनपद के अधिकारियों द्वारा दो-दो बच्चों को गोद लेने सम्बन्धी सूची तैयार कर ली गई है।