केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री, श्री भूपेंद्र यादव ने आज फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनैन के साथ एक वर्चुअल बैठक में वन ओशन समिट से संबंधित मुद्दों जैसे प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करने पर सहयोग, प्लास्टिक पर वैश्विक संधि; राष्ट्रीय क्षेत्राधिकार (बीबीएनजे) से परे जैव विविधता पर उच्च महत्वाकांक्षा गठबंधन और सीओपी15 पर विचार-विमर्श किया।
बैठक में, श्री यादव ने कहा कि वन ओशन समिट राजनीतिक प्रमुखों और सभी हितधारकों को साहसिक, मूर्त और कार्रवाई योग्य पहल और प्रतिबद्धताओं के साथ निर्णायक योगदान देने के संदर्भ में तैयार करने का एक अवसर प्रदान करेगी। पर्यावरण मंत्री ने ज़ोर देते हुए कहा हालांकि, भारत अपने समुद्री हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और समुद्री कानून पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (यूएनसीएलओएस), 1982 के तहत अनिवार्य नियम-आधारित समुद्री प्रणालियों के रखरखाव का समर्थन करता है।
केंद्रीय मंत्री ने समुद्री अपशिष्ट को रोकने और कम करने की तत्काल आवश्यकता का उल्लेख करते हुए देशों के द्वारा इस संदर्भ में स्वैच्छिक रूप से घरेलू स्तर पर कार्रवाई पर बल दिया।
श्री यादव ने विश्व पर्यावरण दिवस 2018 के दौरान भारत के प्रधानमंत्री द्वारा 2022 तक भारत में एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक के उपयोग को समाप्त करने के लिए की गई घोषणा का भी उल्लेख किया।
बैठक में, दोनों पक्षों ने राष्ट्रीय क्षेत्राधिकार (बीबीएनजे) से परे जैव विविधता पर उच्च महत्वाकांक्षा गठबंधन से संबंधित मुद्दों और मौजूदा प्रासंगिक कानूनी साधनों, प्रारूपों और प्रासंगिक वैश्विक, क्षेत्रीय और सैक्टर निकायों को किस प्रकार से मज़बूत बनाए रखना होगा, पर विस्तार से चर्चा की।
दोनों पक्षों ने इस विषय पर भी विचार-विमर्श किया कि गरीबी उन्मूलन, कार्यान्वयन के साधन और संसाधनों को जुटाने आदि पर ध्यान केन्द्रित करते हुए 2020 के बाद वैश्विक जैव विविधता प्रारूप (जीबीएफ) को विकसित करने में सीओपी 15 कैसे सहायता प्रदान करेगा।
दोनों पक्षों ने भारत-फ्रांस पर्यावरण वर्ष के अंतर्गत 2022 में गतिविधियों को और मजबूत करने पर भी सहमति जताई।