श्रम और रोजगार मंत्री श्री भूपेन्द्र यादव ने जोधपुर में 3 से 4 फरवरी, 2023 को होने वाले वाले पहले रोजगार कार्यसमूह की बैठक की जानकारी मीडिया को दी। उन्होंने कहा कि भारत इस साल प्रतिष्ठित जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है, जो अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का प्रमुख मंच है। उन्होंने कहा कि इस आयोजन का महत्त्व इस तथ्य में निहित है कि जी-20 देश, विश्व में सकल घरेलू उत्पाद के लगभग 85%, वैश्विक व्यापार के 3/4 और विश्व जनसंख्या के लगभग दो-तिहाई का प्रतिनिधित्व करते हैं। कार्यक्रमों का विवरण देते हुए श्री यादव ने कहा कि जी-20 की भारतीय अध्यक्षता के तहत रोजगार कार्य समूह के पास सभी के लिए मजबूत, टिकाऊ, संतुलित और रोजगार-समृद्ध विकास के लिए प्राथमिकता वाले श्रम, रोजगार और सामाजिक मुद्दों को उठाने का अधिकार है।
बैठकें निम्नानुसार होंगीः
• पहली ईडब्ल्यूजी बैठक जोधपुर, 2-4 फरवरी, 2023
• दूसरा ईडब्ल्यूजी गुवाहाटी 3 – 5 अप्रैल, 2023
• तीसरा ईडब्ल्यूजी जेनेवा 1 – 2 जून, 2023
• चौथा ईडब्ल्यूजी इंदौर 19 – 20 जुलाई, 2023
जिन तीन विषयगत क्षेत्रों पर विचार-विमर्श होगा, वे हैं:
1. वैश्विक कौशल अंतराल का समाधान करना
2. गिग एंड प्लेटफॉर्म इकोनॉमी एंड सोशल प्रोटेक्शन
3. सामाजिक सुरक्षा का सतत वित्तपोषण
विचार-विमर्श के अपेक्षित परिणामों में कौशल मांग के आकलन के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय कौशल गैप मैपिंग पोर्टल, सामान्य वर्गीकरण के साथ कौशल और योग्यता के सामंजस्य के लिए एक रूपरेखा को शामिल किया जायेगा।
गिग और प्लेटफ़ॉर्म कामगारों के लिए सामाजिक सुरक्षा कवच का विस्तार, गिग और प्लेटफ़ॉर्म कार्य के मद्देनजर राष्ट्रीय सांख्यिकीय क्षमता में वृद्धि तथा प्रभावी डेटा संग्रह में सहायता, सामाजिक बीमा एवं कर-वित्तपोषित योजनाओं के आधार पर नीतिगत विकल्प, सामाजिक सुरक्षा और प्राथमिकता वाली नीति के स्थायी वित्तपोषण का ध्यान रखा जायेगा।
भारत, 19 देशों, यूरोपीय संघ और 9 अतिथि देशों तथा 9 क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के 73+ प्रतिनिधियों की मेजबानी कर रहा है।
प्रमुख विचार-विमर्श के साथ, पहले दिन वैश्विक कौशल और योग्यता सामंजस्य, सामान्य कौशल वर्गीकरण के लिए रूपरेखा पर चर्चा करने के लिए एक पैनल चर्चा का आयोजन किया गया है।
आईएलओ, ओईसीडी और आईएसए जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठन, नीति आयोग तथा एमएसडीई, ईपीएफओ जैसे भारतीय संस्थान भी विषयों पर अपने विचार साझा करेंगे। जी-20 के सदस्य देशों को भी प्रमुख क्षेत्रों पर अपने विचार साझा करने के लिए आमंत्रित किया जायेगा।