नई दिल्लीः प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने हाल में अलगाव प्रभावित उत्तरी बस्तर के कांकेर जिले में एक रेल लाइन तथा यात्री रेल सेवा का उद्घाटन किया। बहुप्रतिक्षित रेल लाइन का उद्घाटन प्रधानमंत्री ने बीजापुर जिले स्थित जंगला गांव में संविधान निर्माता डॉ बाबा साहब अम्बेडकर की जंयती पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए किया। यह रेल लाइन बालोद जिले के दल्लीराजहारा को उत्तरी बस्तर के भानुप्रतापपुर से जोड़ती है। यात्री रेल की पहली यात्रा का संचालन सभी महिला रेलकर्मियों द्वारा किया जाएगा।
यह रेल लाइन 235 किलोमीटर लंबी दल्लीराजहारा-रावघाट-जगदलपुर रेल लाइन का हिस्सा है। नये रेल लाइन के उद्घाटन से उत्तरी बस्तर (कांकेर) दुर्ग, रायपुर से सीधे जुड़ गया है। रावघाट-जगदलपुर रेल लाइन से रायपुर और जगदलपुर के बीच की दूरी 260 किलोमीटर कम हो जाएगी। इससे छत्तीसगढ़ की राजधानी तथा बस्तर क्षेत्र के बीच सामाजिक और आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि होगी।
इस रेल लाइन से लौह अयस्क में धनी रावघाट क्षेत्र में खनन कार्य विकसित होगा। वर्तमान में भिलाई स्टील संयंत्र को दल्लीराजहारा खदानों से लौह अयस्क की आपूर्ति होती है। इन खदानों का आरक्षित भंडार कम हो रहा है। भविष्य में भिलाई स्टील संयंत्र के लिए रावघाट खदान, लौह अयस्क की आपूर्ति का प्राथमिक स्रोत होगा।
दल्लीराजहारा-रावघाट-जगदलपुर रेल लाइन का निर्माण दो चरणों में होगा। पहले चरण में दल्लीराजहारा से रावघाट (95 किलोमीटर) तथा दूसरे चरण में रावघाट से जगदलपुर (140 किलोमीटर) रेल लाइन का निर्माण किया जाएगा। पहले चरण के निर्माण कार्य की जिम्मेदारी रेल विकास निगम लिमिटेड के पास है। निर्माण लागत की संपूर्ण धन राशि स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड उपलब्ध करा रहा है।
इस रेल लाइन से उत्तरी बस्तर क्षेत्र छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से सीधा जुड़ जाएगा। इस क्षेत्र के लोगों को उच्च शिक्षा तथा तीसरे स्तर की स्वास्थ्य सेवा के अवसर मिलेंगे। इस क्षेत्र के लोगों को लिए यह सचमुच में ‘प्रगति की रेलगाडी’ है।