नई दिल्ली: बिहार सरकार ने स्वच्छ भारत अभियान के तहत राज्य में स्वच्छता प्रयासों में तेजी लाने के लिए केन्द्रित रणनीति
के एक हिस्से के रूप में राज्य के सभी जिलाधीशों के लिए स्वच्छता पर एक कार्यशाला का आयोजन किया। केन्द्रीय पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय के सचिव भारत सरकार के दिशा-निर्देशों प्रस्तुत करने के लिए कार्यालय में उपस्थित थे।
सचिव ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए प्रसन्नता जताई कि राज्य ने इस कार्यशाला का आयोजन किया है। उन्होंने इस तथ्य की सराहना की कि बिहार में सभी स्तरों पर नेतृत्व स्वच्छ भारत कार्यक्रम पर काफी जोर दे रहा है। उन्होंने कहा कि खासतौर पर जिलाधीश स्वच्छता पर उल्लेखनीय समय और ध्यान दे रहे हैं तथा सीतामढ़ी, दरभंगा, खगडि़या, वैशाली, गोपालगंज, जहानाबाद, पश्चिमी चंपारण जैसे कई जिले अपने जिलों में स्वच्छ भारत अभियान के क्रियान्वयन में अब तेजी ला रहे है। सचिव ने कहा कि बिहार को एक ओडीएफ राज्य बनने में लंबा रास्ता तय करना है। उन्होंने प्रसन्नता जताई कि ये जिले समुदाय को शामिल करते हुए विभिन्न कदम उठा रहे हैं, ग्राम पंचायतों (जीपी) का रणनीतिक चयन कर रहे हैं, स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए त्यौहारों जैसे अवसरों का उपयोग कर रहे हैं, जीविका (एनआरएलएम) के साथ संयोजन कर रहे हैं, रात्रि चौपालों आदि का संचालन कर रहे हैं।
बिहार के मुख्य सचिव श्री अंजनी कुमार ने जिलाधीशों को संबोधित करते हुए कहा कि अगर यह कार्यक्रम ठेकेदार-चालित और आपूर्ति चालित हो तो यह सफल नहीं होगा। उन्होंने कहा कि परिवार/समुदाय द्वारा शौचालय का स्वामित्व महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि अगर लोग इस आवश्यकता को महसूस करते हैं, तो वे शौचालयों के साथ-साथ बाथरूमों का निर्माण अपने पैसों से भी करा सकते हैं।