पटना: एक अप्रैल से बिहार में शराब बंदी का आदेश लागू करने वाली बिहार की नीतीश सरकार ने पांच दिन में ही एक और बड़ा फैसला ले लिया है। सरकार ने अब अंग्रेजी शराब को भी पूरी तरह बैन करने का फैसला किया है। कैबिनेट की बैठक में आज यह फैसला लिया गया।
नीतीश सरकार का यह फैसला इसलिए औचकभरा है क्योंकि शराब बंदी के प्रथम चरण में शहरी इलाकों में अंग्रेजी शराब की बिक्री को छूट दी गई थी। वहीं इस घोषणा के बाद देश के उन चंद राज्यों में शामिल हो गया है जहां शराब पर पूरी तरह पाबंदी है।
विधानसभा चुनाव से पूर्व नीतीश ने वादा किया था कि अगर उनकी सरकार में वापस आती है तो शराब पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी जाएगी। सत्ता में आने के चंद दिनों बाद ही नीतीश ने अपना वादा निभाते हुए राज्य में शराब बंदी की घोषणा कर दी थी। एक अप्रैल से लागू भी कर दिया गया। शराब पर यह पाबंदी दो चरणों में होनी थी। प्रथम चरण में पूरे राज्य में देसी शराब और देहात के क्षेत्रों में अंग्रेजी शराब की बिक्री पर पाबंदी लगाई गई थी। सरकार द्वारा जारी लाइसेंस वाली दुकानों और होटल एवं बार को शराब बिक्री और परोसने की छूट दी गई थी।
इसके अलावा शराब बिक्री के लिए नए लाइसेंस जारी करने पर भी रोक लगा दी गई थी। सरकार ने बकायदा इसके लिए विधानसभा से बिहार उत्पाद (संशोधन) विधेयक, 2016 पारित कराया था। इसके अलावा शराब बिक्री और इसके इस्तेमाल को लेकर कड़े कानूनों की भी घोषणा की गई थी।
नीतीश के इस कदम की राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर काफी सराहना हुई थी जिससे उत्साहित नीतीश सरकार ने मंगलवार को एक और बड़ा फैसला ले लिया। कैबिनेट की बैठक में शराब पर पूरी तरह पाबंदी का निर्णय लिया गया।
जिसके बाद साफ हो गया कि लाइसेंसी दुकानों और होटल एवं बारों में भी शराब की बिक्री नहीं होगी। प्रदेशभर में शराब की ऐसी 650 और पटना में 90 के करीब सरकारी दुकानें थी, जिन पर फिलहाल शराब बेची जा रही थी। हालांकि सेना की कैंटीन में शराब की बिक्री जारी रहेगी।