लखनऊ: बिजली चोरी पर अंकुश लगाने में जुटे यूपी पॉवर कारपोरेशन ने अब अंदर से सफाई शुरू की है। बिजली चोरी कराने वाले अधिकारी-कर्मचारियों को चिन्हित कर उन पर कार्रवाई के लिए तैयारी हो रही है। अब तक 125 से अधिक कर्मचारियों को चिन्हित कर लिया गया है। वहीं अब कर्मचारियों के साथ मारपीट करने वालों को तीन वर्ष की जेल हो सकती है। कारपोरेशन इसके लिए प्रोटेक्शन एक्ट लाने जा रहा है।
प्रमुख सचिव ऊर्जा व चेयरमैन यूपीपीसीएल आलोक कुमार ने गुरुवार को समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि चिन्हित अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए। तीन महीने में विभागीय जांच पूरी कर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करें। जरूरत हो तो बर्खास्त कर दिए जाएं। प्रमुख सचिव ने कहा कि बनने वाले बिजली थानों के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाए। पदों पर भर्ती के लिए शासन से अनुमति मिलते ही प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
उन्होंने बिजली चोरी रोकने गई टीमों पर हुए हमलों के मामलों में कड़ी कार्रवाई के लिए एडीजी प्रवर्तन को जिम्मा दिया है। विद्युत चोरी की रोकथाम के दौरान हिंसा और विरोध को रोकने के लिए कड़े कानून का प्रस्ताव किया गया है। दोषी व्यक्ति को तीन वर्ष तक की जेल हो सकेगी। इसके अलावा एक लाख का जुर्माना भी लगेगा।