देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने दुग्ध विकास एवं पशुपालन के लिये तीन साल की कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिये है। इसके लिये कार्यशील पूंजी के लिये नाबार्ड के लिये प्रस्ताव तैयार किया जाए। दुग्ध विकास योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये स्टार्टअप के रूप में एमएसएमई पोलिसी के तहत इसे जोड़ा जाय। दुग्ध समितियो व महिला समितियो के कलस्टर तैयार कर उन्हे चीज बनाने की मशीन उपलब्ध करायी जाय। दुग्ध उत्पादो के विक्रय के लिये अमूल व मदर डेरी से समन्वय बनाने के साथ ही लखनऊ, दिल्ली व मुम्बई में विक्रय केन्द्र स्थापित किये जाने के निर्देश मुख्यमंत्री श्री रावत ने दिये है।
शनिवार को बीजापुर भवन में उत्तराखण्ड डेयरी विकास सलाहकार परिषद् की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हमारे उत्पादो की मांग देश के अन्य राज्यो में बढ़े इसके लिये व्यवसायिक दृष्टिकोण अपनाते हुए कार्ययोजना बनायी जाय। उन्होने कहा कि राज्य के सभी उत्पादो के लिये एकीकृत केन्द्र के रूप में देश के प्रमुख शहरो पर विक्रय केन्द्र खोले जाने की योजना बनायी जाय। उन्होने दुग्ध सहकारी संस्थाओ की संख्या एक हजार तथा सदस्यों की एक लाख तक बढ़ाने की भी बात कही, उन्होने दुग्ध उत्पादन के लिये महिलाओं को प्रशिक्षण देने, उन्हे चीज बनाने की छोटी मशीन उपलब्ध कराने के साथ ही 4-6 चीज बनाने की मशीने क्रय करने के भी निर्देश दिये। उन्होने राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से देहरादून स्थित प्लांट में दुग्ध आपूर्ति सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये।
उन्होने दुग्ध विकास से सम्बंधित योजनाओ के प्रचार-प्रसार पर भी ध्यान देने को कहा इसके लिये 1 मिनट का फीचर तैयार किया जाय, दुग्ध संघो की मजबूती पर भी ध्यान देने के निर्देश उन्होने दिये। उन्होने मिल्क एटीम मशीनो की संख्या बढ़ाने के साथ ही दुग्ध को व्यवसायिकता से जोड़ने को कहा। सहकारिता से भी इसमें सहयोग लिये जाने के निर्देश उन्होने दिये। उन्होने तीन साल की कार्ययोजना में दुग्ध व पशुपालन से सम्बंधित सभी गतिविधियों को सम्मिलित करने को कहा विशेष कर महिला डेरी के प्रति विशेष ध्यान देने को कहा। उन्होने सप्ताह में दो दिन आंगनबाड़ी केन्द्रो पर बच्चो व महिलाओं को दुग्ध आपूर्ति कराने को कहा। उन्होने पशुपालन के अन्तर्गत पशुओ की बीमारी की रोकथाम व पशुओ को उचित ढ़ंग से परवरिस कर दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिये पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय से समन्वय करने के भी निर्देश दिये।
बैठक में दुग्ध विकास व पशुपालन मंत्री प्रीतम सिंह पंवार, अपर मुख्य सचिव डा0 रणवीर सिंह, यूसीडीएफ के अध्यक्ष अर्जुन रौतेला, अतिरिक्त प्रबन्ध निदेशक यूसीडीएफ डा0 कमल सिंह, संयुक्त निदेशक जयदीप अरोरा आदि उपस्थित थे।
