देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मुस्लिम समुदाय के लोगों से आधुनिक शिक्षा एवं तकनीकि दक्षता के प्रति भी ध्यान देने को कहा है। उन्होंनेे कहा कि प्रदेश में 150 उर्दू शिक्षकांे की भर्ती की जायेगी। मदरसें शिक्षा के केन्द्र बने, इसके प्रयास हो। मौलाना आजाद फाउंण्डेशन के जरिये दी जाने वाली छात्रवृत्ति की धनराशि बढ़ायी जायेगी। मुस्लिम छात्रों को सरकारी महकमों में नौकरी के अवसर उपलब्ध कराने के लिये कोचिंग की भी व्यवस्था की जायेगी। छात्राओं के लिये अलग से प्रशिक्षिण की व्यवस्था की जायेगी। मुस्लिम समाज को भी शिक्षा के प्रति फिक्रमंद होना चाहिए।
मंगलवार को देर रात बीजापुर अतिथि गृह में मुस्लिम समुदाय के लोगों से मुलाकात करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हमारा मकसद लोगों की गरीबी दूर करना है, उन्होंने कहा कि मदरसा बोर्ड में ऐसे लोग आये जो आज के समय के मुताबिक लोगों को शिक्षित व जागरूक कर सके। बेहतर तालीम के ये केन्द्र बने। इल्म और तालीम पर विशेष ध्यान देने की भी उन्होंने जरूरत बतायी। आज आधुनिक तकनीकि दक्षता जिसके पास है, वही ताकतवर है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक सम्पत्ति की सुरक्षा के लिये कब्रस्तानों की चारदीवारों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा हैं। इसके लिये पर्याप्त धनराशि उपलब्ध करायी जा रही है। अल्पसंख्यक कल्याण से संबंधित योजनाओं के बजट में वृद्धि की गई है। अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम को स्टार्टअप से जोड़ने का हमारा प्रयास है। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों की शिक्षा के लिये डिग्री कालेज, इण्टर कालेज आदि खोले गये है। गरीबों के लिये चलाई जा रही सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ सभी वर्गाें के लोगों को दिया जा रहा है। पट्टेदारों का विनियमितीकरण किया जा रहा है। उन्होंने मुस्लिम समाज के प्रतिनिधियों से अपेक्षा की कि वे उनके कल्याण से संबंधित योजनाओं की जानकारी अपने समाज को दे, ताकि इसका फायदा उन्हें हो। उन्होंने मुस्लिम समुदाय के सभी बिरादरी के लोगों से समाज में आपसी भाईचारा व अमनचैन बनाये रखने की भी अपील की।
इस अवसर पर याकूब सिद्धीकी, मो. शाहिद, मौ. सुलेमान, मौ. याकूब सहित बड़ी सेख्ंया में मुस्लिम समुदा के विभिन्न विरादरी के प्रतिनिधि आदि उपस्थित थे। प्रतिनिधियों ने मुस्लिम समाज के हित में मुख्यमंत्री द्वारा किये जा रहे प्रयासों के लिये उनका आभार भी व्यक्त किया।
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