देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बुधवार को बीजापुर अतिथि गृह में मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम योजना के अन्तर्गत आदर्श ग्राम के चयन के लिये विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि
राज्य के प्रत्येक ब्लाॅक में एक गांव को मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम के रूप में चयन किया जाय। उन्होंने कहा कि ब्लाॅक के ऐसे गांव जो अपनी आजीविका का वहन कृषि, उद्यान, एवं शिल्प आदि कार्याे पर आश्रित हो कर प्रगति कर रहा हो, उन गांव को प्रारम्भिक तौर पर आदर्श ग्राम हेतु चयन किया जाये। इन गांव को सड़क से जोड़कर, उनके उत्पादकों को बाजार में पहंचाना, दुग्ध के उत्पादन को दुग्धसंघ से जोडना तथा बिजली, पानी ऐसी तमाम मुलभूत सुविधाओं को गांव में उपलब्ध कराना होगा। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक एवं भौतिक अवस्थापना सुविधाओं का विकास कर क्षेत्रीय असन्तुलन को दूर करना है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम योजना की परिकल्पना इस रूप में की जा रही है कि विकास कार्यक्रमों से चयनित ग्रामों केा इस प्रकार से विकसित किया जायेगा कि ये ग्राम अन्य ग्राम पंचायतों के लिए विकास के माॅडल के रूप में उभर कर आये। आदर्श ग्राम का चयन मुख्य विकास अधिकरी द्वारा किया जायेगा और यदि एक ब्लाॅक में एक से अधिक गांवों का चयन होता है तो इन गांवों को आदर्श ग्राम बनाने हेतु क्षेत्रिय विधायक, प्रभारी मंत्री या राज्य सरकार से इस सम्बंध में राय ली जायेगी। मुख्यमंत्री श्री रावत ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि शीघ्र आदर्श ग्राम की गाईड लाईन बनाकर इसे सरकुलेट किया जाय। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में मुख्यमंत्री आर्दश ग्राम योजना के अन्तर्गत प्रत्येक ब्लाॅक में एक-एक गांव को आदर्श माॅडल के रूप में विकसित किया जायेगा। इनकी संख्या आगामी वर्ष में बढ़ सकती है।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री प्रितम सिंह, विधायक एवं संसदीय सचिव हेमेश खर्कवाल, अपर मुख्य सचिव एस.राजू, प्रमुख सचिव मनीषा पंवार, सचिव डाॅ0 भूपेन्द्र कौर औलख, डाॅ एम.सी.जोशी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।