देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गुरूवार को बीजापुर अतिथि गृह में ऊर्जा विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा की। मुख्यमंत्री श्री रावत ने नाराजगी व्यक्त की कि विभिन्न विभागों द्वारा समय पर बिजली बिलों का भुगतान नही
किया जा रहा है। उन्हांेने कहा कि ऐसी सभी विभागों की की सूची तैयार की जाय, जिन पर अधिक देनदारी है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि लाइन लाॅस को कम करने के लिए ठोस योजना तैयार की जाय। उपभोक्ताओं की सुविधाओं का ध्यान रखा जाय। ऐसे प्रयास किये जाय कि ऊर्जा निगम को कैसे लाभकारी बनाया जाय। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के उपभोक्ताओं को अधिक सुविधा देने की बात कही। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि आम आदमी को कनैक्शन देने की प्रक्रिया को सरल किया जाय। साथ ही एल.ई.डी. बल्बों का अधिक से अधिक वितरण किया जाय। औद्योगिक क्षेत्रों में बिजली कटौती कम से कम की जाय। यदि विशेष परिस्थितियों में बिजली कटौती करनी भी हो, तो पूर्व सूचना जारी की जाय। हरिद्वार क्षेत्र में अद्ध्र्र कुम्भ को देखते हुए बिजली की विशेष व्यवस्था की जाय। मेला अवधि तक हरिद्वार क्षेत्र में बिजली कटौती न की जाय। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा छोटी जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण के लिए नीति बनायी गई है। इस नीति में अभी तक कितने पात्र लोगों द्वारा आवदेन किया गया है, उसकी भी समीक्षा की जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस नीति के तहत जितने आवेदन आये है, उस पर कार्य शुरू किया जाय। ग्रामीण क्षेत्रों में लो वोल्टेज की समस्या की शिकायतों का संज्ञान लिया जाय। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकारियों को भेज कर सर्वे रिपोर्ट भी तैयार की जाय।
बैठक में प्रमुख सचिव ऊर्जा डाॅ. उमाकांत पंवार ने बताया कि छोटी जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण के लिए 71 आवेदन प्राप्त हुए है। इनका परीक्षण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा के तहत ठोस कार्ययोजना के तहत कार्य किया जा रहा है।