देहरादून: उत्तराखण्ड में चारधाम यात्रा निर्बाध रूप से जारी है। चारधाम यात्रा को रोके जाने व यात्रियों के फंसे होने की खबरें तथ्यों से परे है। पिछले दिनों अप्रत्याशित बारिश के कारण विभिन्न स्थानों पर रास्ते बंद होने से यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर ठहराया गया। उनके रहने व खाने की सुविधाओं के साथ ही यात्रियों की उनके परिजनों से बात भी कराई गई है।
शुक्रवार को बीजापुर अतिथि गृह में मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि यात्रियों के फंसे होने जैसी कोई स्थिति नहीं थी। बरसात के मौसम में किसी भी प्रकार की अप्रत्याशित स्थिति के लिए राज्य सरकार ने तीन स्तरीय योजना तैयार कर रखी है। पहला, सामान्य तौर पर चल रही यात्रा में एसडीआरएफ व स्थानीय पुलिस का सहयोग लिया जाए। दूसरा, अधिक बारिश होने पर सड़कों का बड़ा हिस्सा व पुलों के बह जाने की स्थिति में हेलीकाप्टरों का उपयोग करके यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए व उनके रहने, खाने व अपने परिजनों से सम्पर्क की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। तीसरा, लगातार भारी बरसात के कारण ज्यादा समय तक हेलीकाप्टरों का उपयोग सम्भव नहीं हो तो ऐसी स्थिति में हमारे अधिकारी यात्रियों के बीच में रहकर उन्हें सुरक्षित होने का आश्वासन दें व उनके खाने, रहने व परिजनों से सम्पर्क की व्यवस्था की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल की बारिश के बाद वे सभी यात्री जिन्हें विभिन्न स्थानों पर ठहराया गया, प्रशासन की व्यवस्था से संतुष्ट है। उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण उत्तर भारत में अप्रत्याशित बारिश हुई है। गुजरात में बड़ी संख्या में लोग हताहत हुए हैं। ऐसी स्थिति में हम उनके साथ हैं। उत्तराखण्ड में हुई भारी बरसात ने हमारी योजना का परीक्षण किया है। हम इसमें सफल भी रहे हैं। ऐसा कोई यात्री नहीं था जिसके सम्पर्क में प्रशासन नहीं था। यात्रा को रोका नहीं गया है, बल्कि इसे रेगुलेट किया गया है। केदारनाथ यात्रा में कल तक के लिए यात्रियों को सोनप्रयागृ के आगे जाने से रोका गया है। कल सोनप्रयाग से केदारनाथ मार्ग की रेकी करने के बाद यात्रियों को केदारनाथ के लिए आगे बढ़ने दिया जाएगा। हेमकुण्ड साहिब की यात्रा जारी है। गंगोत्री व यमुनोत्री में भी यात्रा सुचारू है। घबराने जैसी कोई स्थिति नहीं है। बहुत से यात्रियों ने कहा भी है कि पहाड़ों में बरसात से रास्ते बंद होना सामान्य स्थिति है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बरसात के सीजन में यात्रा मार्ग में वरिष्ठ अधिकारियों को तैनात किया जा रहा है।
प्रेस वार्ता में मौजूद अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा ने बताया कि वे आज सुबह सात बजे मुख्यमंत्री के सलाहकार रणजीत रावत, आपदा प्रबंधन सचिव मीनाक्षी सुंदरम, लोनिवि के सचिव सहित अधिकारियों की टीम के साथ गोविंदघाट व सोनप्रयाग में मौके पर गये। कुछ स्थानों पर ठहराए गए यात्रियों की सुविधा के लिए पुलिस व प्रशासन के लोग पहले से ही लगे हुए थे। केदारनाथ से लगभग 680 लोगों को हेलीकाप्टर व पैदल सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। जोशीमठ से गोविंदघाट के बीच यात्रियों को ट्रांसशिपमेंट से पहुंचाया गया है। लगभग 75 महिलाओं व बच्चों को गोविंदघाट से हेलीकाप्टर के माध्यम से जोशीमठ पहुंचाया गया है। गोविंदघाट-घांघरिया व पुलना में नदी के कोर्स बदलने से तीन पुल एक साथ बह गए। इन पुलों को पुनः प्रारम्भ करने का काम चीफ इंजीनियर की देखरेख में चल रहा है। घांघरिया-हेमकुण्ड पुल को पुनः प्रारम्भ कर दिया गया है। यदि कोई यात्री आना चाहेगा तो कल भी घांघरिया से हेलीकाप्टर की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। हनुमानचट्टी में लगभग 100 लोग रूके हैं। बदरीनाथ में रूके यात्रियों को पूरी सुविधा मिल रही है। श्री शर्मा ने बताया कि आज विभिन्न स्थानों पर ठहराए गए यात्रियों में लगभग 900 यात्रियों को हेलीकाप्टर की सुविधा दी गई, जबकि एक हजार से अधिक लोगों को सड़क मार्ग से सुविधाजनक स्थानों पर पहुंचाया गया है।
गौरतलब है मुख्यमंत्री श्री रावत को आज नई दिल्ली में केन्द्रीय मंत्री से भेट करनी थी, किन्तु प्रदेश में भारी वर्षा से उत्पन्न स्थिति का जायजा लेने के लिए दिल्ली का दौरा बीच में स्थगित कर देहरादून लौट आये। देहरादून आते ही मुख्यमंत्री श्री रावत ने शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक कर राज्य में भारी बरसात से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिये कि निरंतर जिलाधिकारियों के संपर्क में रहे। शासन स्तर से जो भी सहायता दी जानेी है, वह तत्काल दी जाय।
प्रेसवार्ता में राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा, विधायक हेमेश खर्कवाल, सीएम के औद्योगिक सलाहकार रणजीत रावत सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।