देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रदेश में महिला उद्यमियों को प्रोत्साहन देने के लिये एमएसएमई के तहत अलग से नीति निर्घारित करने को कहा है। उन्होने कहा कि कम से कम 25 हजार महिलाये इस योजना के अन्तगर्त अपना व्यवसाय खड़ा कर सके इसके लिये एम.एस.एम.ई नीति के तहत उद्योग स्थापना के लिए दी जाने वाली केपिटल सब्सिडी के अलावा उन्हें 10 प्रतिशत की इण्टर सब्सिडी प्रदान किये जाने की व्यवस्था हो।
बीजापुर अतिथि गृह में उद्योग, पर्यटन, स्वजल, खेल, युवा कल्याण, महिला सशक्तीकरण से सम्बंधित अधिकारियों की बैठक में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि महिलाओं की आर्थिक स्थिति की मजबूती तथा उनके सशक्तीकरण के लिये उन्हे उद्यमी बनाया जाना होगा इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। उन्होने कहा कि अपना स्वरोजगार खड़ा करने वाली महिला उद्यमियों को उद्योग स्थापना के लिये व्यवस्था हो कि दी जाने वाली धनराशि का 3 साल तक उन्हें कोई ब्याज नही देना होगा तथा उसके बाद भी केवल 4 प्रतिशत ब्याज ही उन्हे देना होगा। उन्होने महिला स्वंय सहायता समूहों को और अधिक सक्षम बनाने के लिये उनके द्वारा विक्री किये जाने वाले उत्पादों की आय पर भी 10 प्रतिशत की सब्सिडी दिये जाने की योजना बनाने को कहा है। उन्होने कहा कि दिल्ली मुम्बई जैसे बडे शहरो में स्वंय सहायता समूहों के उत्पादों के विपणन केन्द्र स्थापित किया जाय, इसका एक पोर्टल बनाया जाय ताकि हमारे उत्पाद बडे शहरो में बिक्री के लिये उपलब्ध हो इससे प्रवासी उत्तराखण्डी भी जुडेंगे।
वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना में अधिक से अधिक युवा आगे आये इसके लिये भी कार्य योजना बनायी जाय। इको दूरिज्म से भी युवाओं को जोड़ने के प्रयास हो। कम से कम 10 हजार युवाओं को इन योजनाओं से जोड़ने की योजना पर ध्यान दिया जाय। रिवर राफ्टिंग योजना से गांवो को भी जोड़ा जाय। उन्होने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान के अन्र्तगर्त तीन साल में पूरा उत्तराखण्ड आच्छादित हो जाय इसके लिये ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालय निर्माण के लिये राज्य सरकार 5 हजार की धनराशि उपलब्ध करायेगी, यह धनराशि केन्द्र सरकार द्वारा दी जाने वाली सहायता से अलग होगी। इसकी भी कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने अपर मुख्य सचिव को दिये हैं। खेल एवं युवा कल्याण विभाग से उन्होने विद्यालयों में सुबह लडकियों को तथा सांय को लडको का तीन माह का फिजिकल एक्सरसाईज कोर्स की व्यवस्था के लिये सेवानिवृत सेन्य कर्मियों की मदद लेने को कहा, ताकि अधिक से अधिक छात्र छात्रायें सेना, पुलिस आदि में भर्ती हो सके, इसकी शुरूआत हरिद्वार से किये जाने की बात भी उन्होेने कही। उन्होने यात्रा मार्गो पर छोटे छोटे बाजार तैयार करने के लिये स्थानीय लोगो को प्रोत्साहित के लिये भी योजना बनाने को कहा।