देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोमवार को बीजापुर अतिथि गृह में पर्यटन विभाग के कार्यो की समीक्षा की। मुख्यमंत्री श्री रावत ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रदेश में पर्यटन व्यवसाय को प्रोत्साहित करने के लिए ठोस कार्ययोजना तैयार की जाय।
पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने के लिए प्रस्ताव लाया जाय। साथ ही नई टिहरी में बनने वाले होटल मैनेजमेंट संस्थान को आगामी दो वर्ष तक संगठक कालेज के रूप में संचालित करते हुए उत्तराखण्ड तकनीकी विश्वविद्यालय से सम्बद्ध किया जाय। साथ ही आगामी दो वर्ष में संस्थान को ए.आई.सी.टी.ई. से मान्यता ले ली जाय। संस्थान को उच्च मानकों के अनुसार संचालित किया जाय। संस्थान के माध्यम से प्रयास होना चाहिए कि स्थानीय आवश्यकता के अनुसार युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाय, यहां से प्रशिक्षण प्राप्त कर युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया जायेगा, इस दिशा में कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने कहा कि वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना को वर्तमान आवश्यकतानुसार संशोधित किया जाय। योजना का सरलीकरण किया जाय, ताकि अधिक से अधिक युवा स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई रोजगारपरक योजनाओं को वीरचन्द्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना से जोड़ा जाय। उन्होंने कहा कि महिलाओं का प्रदेश के विकास में अहम योगदान है। हमारे यहां की महिला उद्यमी आगे बढे, इसके लिए उन्हें हर संभव सहायता दी जायेगी। राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि प्रदेश में महिला उद्यमिता वित्त विकास निगम का गठन किया जायेगा। इसके माध्यम से महिलाओं को स्वरोजगार के लिए सहयोग दिया जायेगा। इससे हमारे यहां की महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय स्तर पर महिलाओं को छोटे-छोटे उत्पादों को तैयार करने के लिए प्रशिक्षण देने की व्यवस्था आई.टी.आई. में पार्ट टाइम पर की जाय।
बैठक में पर्यटन मंत्री दिनेश धनै, कुलपति उत्तराखण्ड तकनीकी विश्वविद्यालय प्रो. पी.के. गर्ग, अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा, प्रमुख सचिव पर्यटन डाॅ. उमाकांत पंवार, निदेशक तकनीकी शिक्षा अक्षत गुप्ता आदि उपस्थित थे।