देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोमवार को बीजापुर अतिथि गृह में मीडिया से वार्ता करते हुए कहा कि हम देश में पहले राज्य है, जिसने योग के लिए रोडमैप बनाया है। राज्य सरकार द्वारा निर्णय लिया गया है कि प्रदेश के 68 चिकित्सालयों में नियमित रूप से योग कार्यक्रम किया जायेगा,
जोकि 15 दिन में लागू किया जायेगा। प्रदेश में 25 नगर पालिकाओं/नगर निगम/प्रमुख शहरों के पार्क में एक योग कार्नर विकसित किया जायेगा। जहां पर नागरिकों को निःशुल्क योग कराया जायेगा। इसके लिए राज्य सरकार योग प्रशिक्षक तैनात करेगी। इसके लिए एक माह की अवधि निर्धारित की गई है। दून व हल्द्वानी में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पुलिस विभाग द्वारा योग कार्यक्रम शुरू किया जायेगा, जिसका 15 दिन का समय निर्धारित किया गया है। प्रदेश में ऋषिकेश व जागेश्वर को योग जोन के रूप में विकसित किया जायेगा। इसके लिए 150 सरकारी स्कूल चिन्हित किये जायेंगे। जिनमें इसी सत्र से नियमित रूप से योग कार्यक्रम किये जायेंगे। इसके लिए पार्ट टाइम प्रशिक्षक तैनात किये जायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा यह भी तय किया गया है कि प्रदेश के 14 प्रमुख स्थानों पर भी योग केन्द्र शुरू किये जायेंगे। इनमें गैरसैण, हनोल, देववन, सरनौल, हर्षिल, मुनस्यारी, चकोरी, मायावती, जागेश्वर, ग्वालदम, खिर्सू, मदननेगी, वीआईपी घाट हरिद्वार, जी.एम.वी.एन. अतिथि गृह ऋषिकेश शामिल है। इन स्थानों पर पर्यटन को दृष्टिगत रखते हुए योग को प्रोत्साहित किया जायेगा। इसके लिए पर्यटन विभाग को ठोस कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिये गये है। हमारा प्रयास है कि हम हाई एल्टीटयूड एरिया में भी योग कार्यक्रम शुरू कर सके। इसके लिए जी.एम.वी.एन. और के.एम.वी.एन. के 100 लोगो को प्रशिक्षित किया जा रहा है, जिनमें से कुछ लोग योग सिखाने का कार्य भी करेंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र भेजकर मांग की है कि राज्य सरकार योग को प्रोत्साहित करने की दिशा में ठोस नीति बना रही है। इसके तहत वैलनैस टूरिज्म पर विशेष जोर दिया जा रहा है। योग के लिए अंशकालिक अनुदेशकों की तैनाती पर प्रतिमाह 11000 रुपये मानदेय का व्यय आयेगा। राज्य सरकार द्वारा जो नीति तैयार की गई है, उसके अनुसार बड़ी संख्या में योग अनुदेशक तैनात करने होंगे, साथ ही अर्द्धकुम्भ के दौरान योग कुम्भ का आयोजन करने, हरिद्वार एवं ऋषिकेश में योग घाटो की स्थापना आदि के लिए केन्द्र सरकार राज्य को 90:10 अनुपात में सहायता प्रदान करे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे सीमित संसाधन है, लेकिन हम योग को राज्य की आर्थिकी से जोड़ने के लिए ठोस नीति बना रहे है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा राज्य को मिलने वाली केन्द्रीय सहायता राशि में निरंतत कमी की जा रही है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2014-15 में राज्य को केन्द्रीय सहायता राशि (सभी मदों) में 2372.83 करोड़ रुपये की धनराशि मिली, जबकि 2015.-16 में 1961.56 करोड़ रुपये की धनराशि मिली। इस प्रकार लगभग 411.27 करोड़ रुपये का घाटा राज्य को हो रहा है। कुम्भ मेले की व्यवस्थाओं के लिए केन्द्र से हमेशा धनराशि मिलती रही है, लेकिन हरिद्वार अर्द्धकुम्भ 2016 के लिए केन्द्र सरकार द्वारा अभी तक धनराशि जारी नही की गई है। इसी प्रकार से एस.सी. के पोस्ट छात्रवृत्ति की धनराशि भी जारी नही की गई है। वर्ष 2014-15 में 58 करोड़ रुपये की मांग की गई थी, लेकिन राज्य को केवल 18 करोड़ रुपये जारी किये गये। इस वर्ष कोई भी धनराशि जारी नही की गई है।
इससे पूर्व बीजापुर अतिथि गृह में मुख्यमंत्री श्री रावत ने योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति के प्रचार-प्रसार व इसके माध्यम से रोजगार सृजन के लिए राज्य सरकार की कार्ययोजना के क्रियान्वयन के संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि उŸाराखण्ड आयुर्वेद चिकित्सालय में फैकल्टी आॅफ योगा एंड नेचुरोपैथी की स्थापना की जाए। दून विश्वविद्यालय व कुमायूं विश्वविद्यालय में इंस्टीट्यूट आॅफ फोरेन लेंग्वेज प्रारम्भ किये जाएं। विद्यालयों के पाठ्यक्रम में योग शिक्षा को भी शामिल किया जाए। सितम्बर या अक्टूबर माह में ऋषिकेश व जागेश्वर में योग फेस्टीवल आयोजित किए जाएं। हरिद्वार में अर्धकुम्भ के दौरान ऋषिकेश में योग महाकुम्भ आयोजित किया जाए। इसके लिए सभी व्यवस्थाएं समय पर सुनिश्चित कर ली जाय। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि योग के संबंध में कार्ययोजना के क्रियान्वयन से जहां हमारे योग प्रशिक्षितों के लिए रोजगार की व्यवस्था होगी। उन्होंने अपर मुख्य सचिव एस. राजू को विद्यालयों में मानदेय आधार पर योग प्रशिक्षकों के पद एक माह में प्रारम्भ कर दिए जाए। इसकी शुरूआत ऋषिकेश व जागेश्वर क्षेत्र से की जाए। इसी प्रकार प्रदेश के आयुर्वेद चिकित्सालयों में भी मानदेय आधार पर योग प्रशिक्षकों को तैनात किया जाए। मुख्यमंत्री श्री रावत ने सचिव शहरी विकास डीएस गब्र्याल को प्रदेश के 25 स्थानों पर योगा केंद्र विकसित करने के निर्देश दिए। इसके लिए योग प्रशिक्षक आयुष विभाग उपलब्ध करवाएगा। वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना में योगा व वेलनेस सेंटर भी सम्मिलित किए जाएं। तीन व पांच सितारा होटलों में योग की सुविधाएं उपलब्ध करवाना अनिवार्य किया जाए।
बैठक में कैबिनेट मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी, अपर मुख्य सचिव एस राजू, प्रमुख सचिव ओमप्रकाश, सचिव डा.उमाकांत पंवार, डीएस गब्र्याल उपस्थित थे।