देहरादून: पीडब्ल्यूडी, सिंचाई व पर्यटन विभाग दुर्गम हाई एल्टीट्यूड क्षेत्रों में काम करने के लिए प्रतिबद्ध कार्मिकों की टीम तैयार करें। राज्य के विभिन्न भागों में रोपवे बनाने के लिए रोपवे कारपोरेशन बनाया जाए। राज्य की संस्कृति को पर्यटन से जोड़ा जाए।
जून माह में देहरादून, ऋषिकेश, अल्मोड़ा में वृहद स्तर के सांस्कृतिक समारोह का अयोजन किया जाए जिसमें पूरे उत्तराखण्ड की झलक दिखाई दे। मंगलवार को बीजापुर हाउस में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने लोनिवि, पर्यटन, सिंचाई, बीआरओ, संस्कृति विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक लेते हुए उक्त निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा के लिए कार्ययोजना का प्रथम चरण पूरा हो चुका है। इस पर रेस्पांस भी उत्साहजनक मिला है। अब फेज-2 के लिए दीर्घकालीन विजन सामने रखते हुए कार्ययोजना बनाई जाए। चारधाम, हेमकुण्ट साहिब व कैलाश मानसरोवर यात्रा निर्बाध रूप से चले और हमारी संस्कृति भी पर्यटन से जुड़े, इसी प्राथमिकता से आगे की योजना तैयार की जाए। हमें आपदा के पहले से भी बेहतर उत्तराखण्ड का निर्माण करना है। केदारनाथ में बाढ़ सुरक्षा व अन्य कार्यों के साथ ही मंदाकिनी नदी के किनारे घाटों का निर्माण किया जाए। पैदल मार्ग को और अधिक सुधारा जाए। हर 100-150 मीटर की दूरी पर शेल्टर हों। सड़क मार्ग के सुधारीकरण, वन विभाग के अंतर्गत वैकल्पिक मार्ग, लैंचोली से केदारनाथ रोपवे, के काम में तेजी लाई जाए। मंदाकिनी नदी के किनारे भी घाट निर्माण व जहां-जहां सम्भव हों, छोटे-छोटे मार्केट विकसित किए जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बदरीनाथ मार्ग में अति संवेदनशील भूस्खलन क्षेत्रों में यथासम्भव टनल टेक्नोलोजी का प्रयोग, वैकल्पिक मार्ग व ढ़ाल स्थिरीकरण को अपनाया जाए। यमुनोत्री व गंगोत्री पर भी विशेष ध्यान देना होगा। चारधाम से लगते अन्य पर्यटन क्षेत्रों को भी विकसित किया जाए। ताकि चारधाम के लिए तैयार की गई अवस्थापनात्मक सुविधाओं का उपयोग वर्षभर किया जा सके। बुग्यालों व ट्रेकरूट्स को भी पर्यटन की नीति के केंद्र में लाया जाए। कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए पारम्परिक मार्ग के साथ ही वैकल्पक मार्ग भी विकसित किया जाए। महत्वपूर्ण तीर्थस्थलों व पर्यटन स्थलों में हैलीपेड बेकअप विकसित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दुर्गम उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में काम करने के लिए लोनिवि, सिंचाई व पर्यटन विभाग डेडिकेटैड कार्मिकों की टीम तैयार करे जिसे कि इन क्षेत्रों में काम करने की विशेषज्ञता हासिल हो। उनकी सेवाशर्तें इस प्रकार की बनाई जाएं कि वे इन क्षेत्रों में सेवाएं देने के लिए प्रेरित हों। सचिव लोनिवि अमित नेगी ने बताया कि 3 ब्रिज डिवीजन बनाई जा रही है। सचिव पर्यटन डा.उमाकांत पंवार ने बताया कि विगत दिवस तक 1 लाख 80 हजार श्रद्धालु चारधाम आ चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि रोपवे को एक कल्चर के रूप में अपनाए जाने की जरूरत है। प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर रोपवे निर्माण के लिए रोपवे कारपोरेशन बनाई जाए। सीएम ने निर्देश दिए कि चारधाम में प्रसाद के तौर पर चैलाय के लड्डू की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री ने संस्कृति विभाग को जून माह में देहरादून, ऋषिकेश, अल्मोड़ा में वृहद स्तर के सांस्कृतिक समारोह का आयोजन करने के निर्देश दिए जिसमें पूरे उत्तराखण्ड की झलक दिखाई दे। इन आयोजनों का वृहद प्रचार प्रसार किया जाए ताकि बड़ी संख्या में पर्यटक इनमें शामिल हो सके। 60 वर्ष से अधिक आयु के लोक कलाकारों, संस्कृति कर्मियों को पेंशन दी जाए। जो कलाकार अपने बच्चों को लोक कला सिखाते हैं उन्हें विशेष भŸाा दिया जाए। मांगलिक गीत गाने वाली महिलाओं व पुरोहितों को भी इसमें शामिल किया जाए। ऋषिकेश में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले योग महोत्सव का विस्तार राज्य के अन्य स्थानों पर भी किया जाए।
बैठक में केबिनेट मंत्री यशपाल आर्य, दिनेश धनै, मुख्य सचिव एन रविशंकर, अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।