देहरादून: ग्रामीण खेती को लाभदायक बनाने के लिए इच्छुक गांवों में ग्रामीणों की एक सहकारी कम्पनी बनाकर खेती को प्रोत्साहित किया जाएगा। प्रत्येक नाली भूमि पर एक शेयर होल्डर माना जाएगा। इसमें खेती व मार्केटिंग का काम कम्पनी
द्वारा किया जाएगा। लाभ को ग्रामीणों में वितरित किया जाएगा। जो गांव इसमें आगे आएंगे, उनमें राज्य सरकार 1-1 लाख रूपए प्रत्येक गांव को शेयर पूंजी के तौर पर देगी। इस धनराशि का प्रयोग भूमि सुधार, कृषि उपकरण व अन्य कृषि इन्पुट क्रय करने में किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि इसके लिए बजट में प्रस्ताव लाया जाएगा। साथ ही उत्तराखण्ड लोकभाषा, लोक बोली, संवर्धन एवं संरक्षण संस्थान की स्थापना के लिए भी बजट में प्रस्ताव लाया जाएगा।
रविवार सांय धाद संस्था के प्रतिनिधिमण्डल ने मुख्यमंत्री हरीश रावत से भेंट कर ग्रामीण व कृषि विकास पर विचार विमर्श किया। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि ग्रामीण बदलाव के लिए योजनाओं को ग्रामीणों की आजीविका से जोड़ना होगा। इसके लिए कई तरह की पहल भी की गई है। योजनाएं ग्राह्य होनी चाहिए। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हमें अपने गांवों को पुनः आबाद करना होगा। इसके लिए लोगों की सहभागिता बहुत जरूरी है। सरकार भी कई तरह के पहलुओं पर कार्य कर रही है। स्थानीय फसलों व फलों के लिए बोनस व न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किये गये है। खादी बोर्ड से कंडाली व भीमल खरीदवायें गये है। ग्रामीणों की आजीविका के लिए सहकारिता विभाग को जिम्मेवारी दी गई है। क्लस्टर फार्मिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रत्येक ब्लाॅक में 05-05 माॅडल स्कूल स्थापित किये जा रहे है, ताकि गरीबों के बच्चों को क्वालिटि एजुकेशन मिल सकें। मेरा पेड मेरा धन योजना के तहत बोनस राशि दी जा रही है। इसमें चारा प्रजाति के पेड़ों को प्राथमिकता दी जा रही है। दूध पर भी हम बोनस दे रहे है। सहकारिता विभाग के माध्यम से अदरक से सौंठ बनाने की मशीन स्वयं सहायता समूहों को उपलब्ध करवायी जायेगी। साथ ही पनीर बनाने की मशीन भी उपलब्ध करवायी जायेगी।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हमारे द्वारा की गई छोटी छोटी पहलों से पलायन करते कदम ठिठक रहे है। हमारे व्यंजन मंडुवा के रोटी, झंगोरे की खीर आदि को बडे पैमाने पर लोगो द्वारा अपनाया जा रहा है। हमें अपने व्यंजनों में कुछ नये प्रयोग भी करने होंगे। ईमानदारी से किये गये प्रयासों को लोगो का सहयोग जरूर मिलता है। धाद संस्था के प्रतिनिधिमण्डल ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि वे जमीनी स्तर पर कार्य करके कुछ गांवों को माॅडल के तौर पर प्रस्तुत करेंगे। मुख्यमंत्री श्री रावत ने धाद संस्था के वार्षिक कलैण्डर का भी विमोचन किया।
प्रतिनिधिमण्डल में हर्षमणी व्यास, मधुसूदन थपलियाल, तनमय ममगांई, लोकेश नवानी, शांति प्रकाश, डी.जी.नौटियाल, रमाकांत बैंजवाल, विजय जुयाल, पूनम नैथानी, कल्पना बहुगुणा, बीना भण्डारी आदि उपस्थित थे।
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