नई दिल्ली: सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने आज बायो-डीजल (बी100) चालित वाहनों हेतु व्यापक उत्सर्जन मानकों के लिए एक अधिसूचना का मसौदा तैयार किया। उद्योग जगत खासकर बायो-डीजल बनाने वाली कम्पनियां लंबे समय से इन मानकों का इंतजार कर रही थीं। इन मानकों से किसानों और जंगल में निवास करने वाले लोगों को आमदनी का वैकल्पिक स्रोत प्राप्त होगा।
मंत्रालय ने ईंधन के रूप में बी100 और डीजल दोनों का अथवा इनमें से किसी एक का इस्तेमाल करने वाले चौपहिया एवं तिपहिया वाहनों हेतु उनके प्रकार विशेष के अनुमोदन एवं विस्तार के लिए परीक्षण आवश्यकताओं से जुड़े मानकों को भी इनमें शामिल किया है। उत्पादन परीक्षणों के अनुपालन और ह्रास के कारकों को भी इन मानकों में शामिल किया गया है। इसके अलावा, संदर्भ ईंधन बी100 के तकनीकी विनिर्देश भी तैयार किए गए हैं।
इस मसौदे पर सभी हितधारकों के साथ व्यापक सलाह-मशविरा किया जाना है, ताकि बायो-डीजल (बी100) और डीजल के साथ बायो-डीजल के इस तरह के समान मिश्रण से चालित वाहनों का भारत में ही निर्माण और इस्तेमाल किया जा सके। देश में बंजर भूमि के बड़े क्षेत्र में बायो-डीजल के उत्पादन की व्यापक संभावनायें हैं, जिसका इस्तेमाल देश में परिवहन के लिए ईंधन के एक स्रोत के रूप में हो सकता है। इसके अलावा, शिपिंग मंत्रालय भी बंदरगाहों एवं अंतर्देशीय जलमार्गों पर बायो-डीजल चालित इंजनों को बढ़ावा देने की एक योजना पर काम कर रहा है। इन सभी कदमों से देश में बायो-डीजल के उत्पादन को काफी बढ़ावा मिलेगा।