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भारतीय मानक ब्‍यूरो विधेयक, 2015 को प्रस्‍तुत करने को मंजूरी

देश-विदेश

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केन्‍द्रीय मंत्रिमण्‍डल ने आज नए भारतीय मानक ब्‍यूरो विधेयक, 2015 को प्रस्‍तुत करने को मंजूरी दे दी। भारतीय मानक ब्‍यूरो अधिनियम, 1986 के मौजूदा प्रावधानों, जिसे निरस्‍त किये जाने का प्रस्‍ताव है, के स्‍थान पर नया विधेयक निम्‍नलिखित नए प्रावधानों को कानूनी रूपरेखा प्रदान करेगा : प्रस्‍तावित कानून के मुख्‍य उद्देश्‍य निम्‍नलिखित हैं:
1. भारतीय मानक ब्‍यूरो (बीआईएस) को भारत की राष्‍ट्रीय मानक संस्‍था के रूप में स्‍थापित करना,

2. ब्‍यूरो अपने कार्यकलापों को गवर्निंग काउंसिल के माध्‍यम से कार्यान्वित करेगा, जिसमें अध्‍यक्ष और अन्‍य सदस्‍य शामिल होंगे, 3. सामग्री और प्रक्रियाओं के अलावा वस्‍तुओं, सेवाओं और प्रणालियों को मानक तंत्र के दायरे में लाना,

4. सरकार को स्‍वास्‍थ्‍य, रक्षा, पर्यावरण, भ्रामक पद्धतियों से बचाव, सुरक्षा आदि के दृष्टिकोण से आवश्‍यक समझी जाने वाली सामग्री, प्रक्रियाओं अथवा सेवाओं को अनिवार्य प्रमाणन व्‍यवस्‍था के दायरे में लाने में सक्षम बनाना। इससे उपभोक्‍ताओं को आईएसआई प्रमाणित उत्‍पाद प्राप्‍त करने में सहायता मिलेगी और घटिया उत्‍पादों का आयात करने से बचा जा सकेगा।

5. किसी भी मानक के लिए अनुकूलता की स्‍व घोषणा (एसडीओसी) सहित सरल अनुकलता आकलन योजनाओं के विविध प्रकारों की अनुमति देना, जो निर्माताओं को मानकों का पालन करने और अनुकूलता प्रमाणपत्र प्राप्‍त करने के लिए कई तरह के सरल विकल्‍प प्रदान करेंगे, और इस प्रकार ‘कारोबार की सुगमता’ में और सुधार आएगा।

6. केंद्र सरकार को किसी मानक के अनुरूप उत्‍पादों और सेवाओं की अनुकूलता की पुष्टि करने और अनुकूलता का प्रमाण पत्र जारी करने के लिए भारतीय मानक ब्‍यूरो के अतिरिक्‍त, किसी भी प्राधिकारी की नियुक्ति में सक्षम बनाना,

7. सरकार को कीमती धातु सामग्री के अनिवार्य प्रमाणन को लागू करने में सक्षम बनाना

8. बेहतर एवं प्रभावी अनुपालन और उल्‍लंघन के अपराधों को प्रशम्‍य बनाने के लिए दंड प्रावधानों को सशक्‍त बनाना,

9. मानक चिन्‍ह वाले, लेकिन भारतीय मानकों के प्रति अनुरूपता नहीं रखने वाले उत्‍पादों के उत्‍पाद उत्‍तरदायित्‍व सहित, उन्‍हें वापस बुलाने का प्रावधान

10. भारतीय मानक ब्‍यूरो अधिनियम, 1986 को निरस्‍त करना।

नए विधेयक का कार्यान्‍वयन सुनिश्चित करने के लिए परिणामस्‍वरूप होने वाले संशोधनों को बाद में नियम और विनियम बनाया जाएगा।

नए भारतीय मानक ब्‍यूरो विधेयक, 2015 के प्रस्‍तावित प्रावधान केंद्र सरकार और और भारतीय मानक ब्‍यूरो को, उपभोक्‍ताओं के कल्‍याण के व्‍यापक उद्देश्‍य के साथ ‘उत्‍पाद प्रमाणन’ और ‘अनुकूलता के प्रमाणन’ की प्रक्रिया के जरिये भारतीय मानकों के अनिवार्य/स्‍वैच्छिक अनुपालन के माध्‍यम से वस्‍तुओं और सेवाओं की गुणवत्‍ता की संस्‍कृति को बढ़ावा देने में समर्थ बनाएंगे। इससे भारतीय मानकों के प्रवर्तन में भी सुधार होने की सम्‍भावना है।

प्रस्‍तावित प्रावधान वस्‍तुओं और सेवाओं के मानकीकरण, चिन्‍हांकन और गुणवत्‍ता प्रमाणन की गतिविधियों के सुव्‍यवस्थि‍त विकास को भी प्रोत्‍साहन देंगे ताकि कीमती धातु सामग्री के प्रमाणन, अनुकूलता के आकलना का दायरा व्‍यापक बनाने, जुर्माना बढ़ाने, अपराधों को प्रशम्‍य बनाने और कानून के कुछ प्रावधानों को सरल बनाया जा सके।

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