पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने सोमवार को पूरे राज्य में ‘खेला होबे दिवस’ मनाया और पार्टी नेताओं ने इस अवसर पर राज्य भर में फुटबॉल मैच आयोजित कराए। वहीं, विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कोलकाता में 1946 में आज के दिन हुए ‘नरसंहार’ को याद करते हुए ‘बंगाल बचाओ दिवस’ मनाया। इस साल अप्रैल-मई में हुए विधानसभा चुनाव में ‘खेला होबे’ नारे का इस्तेमाल हुआ था। चुनाव में टीएमसी ने भाजपा को करारी शिकस्त दी थी।पिछले वर्षों की तरह ही भाजपा ने इस दिन को “पश्चिमबंगा बचाओ दिवस” (पश्चिम बंगाल बचाओ दिवस) के रूप में मनाया।
इसके कई वरिष्ठ नेताओं, जैसे कि प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष और विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने शहर में प्रदर्शन किया, लेकिन उन्हें एहतियाती तौर पर हिरासत में ले लिया गया। टीएमसी नेताओं ने हर जगह फुटबॉल मैच का आयोजन कराया था। यह मैच उन 16 लोगों की याद में आयोजित किए गए, जिनकी 1980 में इसी दिन ईस्ट बंगाल और मोहन बागान क्लबों के बीच हुए एक फुटबॉल मैच के दौरान मची भगदड़ और दंगों में मौत हो गई थी। टीएमसी प्रमुख एवं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पिछले महीने घोषणा की थी कि 16 अगस्त को ‘खेला होबे दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा।
टीएमसी राष्ट्रीय स्तर पर अपने पैर जमाने की कोशिश में जुटी हुई है, उसने देश के अन्य हिस्सों में यह दिवस मनाने के लिए बड़ी योजनाएं बनाई हैं, जिनमें त्रिपुरा भी शामिल है जहां 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं। टीएमसी के प्रदेश महासचिव कुणाल घोष ने कहा, ‘राज्य भर में ‘खेला होबे दिवस’ मनाया जा रहा है। देश के अन्य हिस्सों में भी, हमारी कार्यक्रम आयोजित करने की योजना थी। हालांकि, कुछ भाजपा शासित राज्यों में हमें अनुमति नहीं दी गई।’ पश्चिम बंगाल सरकार ने विभिन्न स्टेडियमों में कार्यक्रम आयोजित किए और विभिन्न क्लबों को उपहार में फुटबॉल दिए।
इस बीच पश्चिम बंगाल भाजपा ने 16 अगस्त को कार्यक्रम आयोजित करने का विरोध करते हुए दावा किया कि मुस्लिम लीग ने 16 अगस्त को ‘सीधी कार्रवाई’ शुरू की थी और दंगे शुरू हो गए थे तथा नरसंहार में में बड़ी संख्या में लोग मारे गए थे। विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा नेता और कार्यकर्ता पर टीएमसी के समर्थकों द्वारा कथित हमलों के खिलाफ भगवा दल के सदस्यों ने प्रदर्शन किया। दिलीप घोष ने कहा, ‘ टीएमसी जानबूझकर त्रिपुरा में परेशानी खड़ी कर रही है और उस राज्य में लोकतंत्र पर हमले की बात कर रही है। वह यहां क्या कर रही है? हमें शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दे रही है।’ प्रदर्शन के दौरान हिरासत में लिए गये सभी भाजपा नेताओं को लालबाजार कोलकाता पुलिस मुख्यालय ले जाया गया और मुचलका भरने उन्हें जाने दिया गया।
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