देहरादून: मंत्री वन एवं वन्यजीव, खेल, विधि एवं न्याय उत्तराखण्ड सरकार दिनेश अग्रवाल की अध्यक्षता में मंथन सभागार में वन विभाग द्वारा संचालित की
जा रही मा0 मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड सरकार की फ्लेगशिफ योजनाओं जिसमें हमारा पेड़ हमारा धन, वर्षा जल संरक्षण, वन्यजीवों से खेती सुरक्षा योजना, चारागाह विकास योजनाओं की समीक्षा की गयी। मंत्री द्वारा वन विभाग एवं वाईल्ड लाईफ पुस्तक का भी विमोचन किया गया।
उक्त योजनाओं की समीक्षा करते हुए मा वन मंत्री ने बैठक में उपस्थित सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि मा0 मुख्यमंत्री की फ्लेगशिफ योजनाओं एवं अन्य योजनाए संचालित हो रही है वह योजनाएं धरातल पर दिखनी चाहिए तथा जो भी योजनाएं संचालित हैं उनकी उच्च अधिकारियों द्वारा निरन्तर समीक्षा की जानी चाहिएं एवं कहीं पर कार्य ठीक प्रकार से नही हो रहा है तो सम्बन्धित के विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाय। उन्होने अधिकारियों को निर्देश दिये कि विभाग जो योजनाएं संचालित है उनकी प्रगति तथा उनमें खर्च हो रही धनराशि का सही आंकलन भी हो सके।
बैठक में ‘हमारा पेड़ हमारा धन’ योजना की समीक्षा करते हुए मंत्री ने कहा कि यह मुख्यमंत्री की महत्वाकांशी योजना है जिसके माध्यम से आमजन मानस को इसका लाभ उपलब्ध कराना है। उन्होने सभी अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि इस योजना को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए तथा वर्ष 2016-17 में और अधिक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित कराने के लिए अभी से कार्य योजना तैयार करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। बैठक में मा मंत्री को अवगत कराया गया है कि इस योजना में 6 करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया था जो शासन से 5 करोड़ रू0 की धनराशि स्वीकृत की गयी है जिसमें 309.93 लाख की धनराशि व्यय की जा चुकी है तथा इस योजना के लक्ष्य 1.53 लाख के सापेक्ष 1.68 लाख पौधे लगाये गये हैं इस योजना के तहत 3825 लाभार्थियों को लाभान्वित किया गया है। बैठक में वर्षा जल संरक्षण की समीक्षा करते हुए मा0 मंत्री ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि इस योजना के अन्तर्गत अधिक से अधिक चालखाल, जलाशय, जलकुण्ड का निर्माण किया जाये ताकि पहाड़ में जल संरक्षण किया जा सके तथा पहाड़ों के जलस्त्रोत रिचार्ज कर पुनर्जिवित करना है ताकि वर्षा का जल बर्बाद न हो इसके लिए सही कार्य योजना बनाने पर बल दिया। मंत्री जी को अवगत कराया गया कि इस योजना में अब तक रू0 18 करोड़ की धनराशि व्यय की जा चुकी है।
वन्यजीवों से खेती सुरक्षा योजना की समीक्षा करते हुए मा मंत्री ने कहा कि वन्यजीवों से खेती को बचाने के लिए ठोस कार्य योजना होनी चाहिए ताकि किसानों की फसलों को वन्यजीव नुकसान न कर सकें। जिस पर अधिकारियों द्वारा अवगत कराया कि वन्यजीवों से खेती के बचाव योजना के तहत 29 करोड़ 75 लाख की धनराशि व्यय की जा चुकी है जिसमें 19 कि.मी सुअर रोधी सुरक्षा दीवार, 39 कि.मी हाथी रोधी दीवार, 17 कि.मी हाथी अवरोधक खाई बनाई गयी है।
बैठक में मा मंत्री ने चारागाह विकास योजना की समीक्षा करते हुए सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये कि यह महत्वपूर्ण योजना है जो पर्वतीय क्षेत्रों से हो रहे पलायन को रोकने के मील का पत्थर साबित होगी। उन्होने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों मे ंचैड़ी पत्तियों वाले वृक्ष को लगाना है ताकि पर्वतीय क्षेत्रों मे ंदुग्ध उत्पादन को बढावा मिल सके। उन्होने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में आर्थकी मुख्य रूप से पशुपालन पर आधारित है परन्तु चारे की कमी के कारण दुधारू पशुओं का पालन/दुग्ध उत्पादन व्यवसाय को शनैःशनै कम हो रहा है, जिसे रोकना आवश्यक है रहे हैं। उन्होने कहा कि मा मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड द्वारा पंचायती वनो में वन पंचायत चारागाह विकास योजना लागू की गयी है।