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सीमावर्ती जनसंख्या हमारी रणनीतिक संपत्ति हैः राजनाथ सिंह

देश-विदेश

नई दिल्ली: केन्द्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने यहां सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम (बीएडीपी) लागू करने वाले फील्ड तथा राज्य स्तर के अधिकारियों के साथ बातचीत की। बातचीत में बीएडीपी लागू करने तथा इसे और अधिक कारगर बनाने के बारे में विस्तृत चर्चा हुई। श्री राजनाथ सिंह ने बल देते हुए कहा कि सीमावर्ती आबादी देश की रणनीतिक संपत्ति है और सीमा सुरक्षा का महत्वपूर्ण तत्व है। उन्होंने कहा कि सामाजिक और आर्थिक संरचना में सुधार के हर संभव प्रयास किए जाने चाहिए ताकि लोग सीमावर्ती गांव में निरंतर रूप में रह सके। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती आबादी के सामाजिक और आर्थिक कल्याण तथा उन्हें संपर्क, सुरक्षित पेयजल, स्कूल, अस्पताल और सरकार अन्य सुविधाएं प्रदान करने को शीर्ष प्राथमिकता देती है। उन्होंने बीएडीपी के अंतर्गत अवसंरचना तथा विकास गतिविधियों को मजबूत बनाने में राज्यों को सहायता जारी रखने का आश्वासन दिया।

इस कार्यक्रम के अंतर्गत आवंटन 2017-18 में बढ़ाकर 1100 करोड़ रुपये कर दिया गया। यह आवंटन 2015-16 में 990 करोड़ रुपये था। सीमावर्ती गांव के चौतरफा विकास के लिए 61 आदर्श गांव विकसित करने का निर्णय लिया गया है इसके लिए राज्य सरकारों को 126 करोड़ रुपये जारी किए गए है। आवश्यकता के अनुसार अतिरिक्त धन उपलब्ध कराए जाएंगे। प्रत्येक आदर्श गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक शिक्षा, सामुदाय केन्द्र, संपर्क, नाली, पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि सीमावर्ती जिलों में सतत रूप से आबादी बनी रहे।

इस अवसर पर श्री राजनाथ सिंह ने बीएडीपी के अंतर्गत विभिन्न परियोजनाओं के बेहतर नियोजन, निगरानी तथा क्रियान्वयन के लिए बीएडीपी ऑनलाइन प्रबंधन प्रणाली लाचं की। सीमावर्ती राज्य अपनी वार्षिक कार्य योजनाएं ऑनलाइन प्रस्तुत कर सकते है और इलैक्ट्रॉनिक मोड में गृह मंत्रालय से स्वीकृति प्राप्त कर सकते है। इससे स्वीकृति प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी और नियोजन प्रक्रिया गुणवत्ता में सुधार होगा।

अंतर्राष्ट्रीय सीमा के 50 किलोमीटर के दायरे में रहने वालों लोगों पर फोकस के साथ सीमावर्ती आबादी की विशेष विकास आवश्यकताओँ को पूरा करने के लिए बीएडीपी 17 राज्यों में 111 सीमावर्ती जिलों को कवर करता है। कार्यक्रम 1986-87 में शुरू किए जाने के समय से कुल 13.400 करोड़ रुपये जारी किए गए है।

कार्यक्रम में सभी 17 राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी तथा 25 सीमावर्ती जिलों के जिलाधिकारी शामिल हुए। बीएडीपी के अंतर्गत प्रमुख उपलब्धियों तथा सीमावर्ती आबादी के लिए जीवन गुणवत्ता में सुधार के बारे में राज्य सरकारों द्वारा उठाए गए कदमों को दिखाते हुए अरुणाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश तथा बंगाल की सरकारों द्वारा प्रस्तुतीकरण दिए गए। श्री राजनाथ सिंह ने 25 जिलाधिकारियों से बातचीत की, जिन्होंने अपने-अपने जिलों से संबंधित विशेष समस्याओं की जानकारी दी।

इस संवाद कार्यक्रम में गृह राज्य मंत्री श्री हंसराज गंगाराम अहीर, गृह राज्य मंत्री श्री किरन रिजिजू, केन्द्रीय गृह सचिव श्री राजीव गाबा तथा विशेष सचिव (सीमा प्रबंधन) श्री बी.आर. शर्मा भी उपस्थित थे।

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