16.4 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

सीमा सुरक्षा का मतलब है राष्ट्रीय सुरक्षा और जिस देश की सीमाएं सुरक्षित नहीं, वो राष्ट्र सुरक्षित नहीं रह सकता है

देश-विदेश

केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में सीमा सुरक्षा बल (BSF) के 18 वें अलंकरण समारोह में अदम्य साहस,शौर्य,वीरताव उत्कृष्ट सेवा के लिए बल के बहादुर अधिकारियों और कार्मिकों को अलंकरण प्रदान किए।गृह मंत्री ने रुस्तमजी स्मारक व्याख्यान भी दिया। इस अवसर पर सीमा सुरक्षा बल पर एक वृत्तचित्र ‘बावा’ का प्रदर्शन भी किया गया।कार्यक्रम में केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानन्द राय, केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री श्री अजय कुमार, केन्द्रीय गृह सचिव, सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।

BSF के पहले महानिदेशक के एफ रुस्तमजी को श्रद्धांजलि देते हुए श्री अमित शाह ने कहा कि देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले सीमा सुरक्षा बल और देश के अन्य अर्धसैनिक बलों केशहीदोंकेकारण ही भारत विश्व के नक्शे पर अपनी गौरवमयी उपस्थिति दर्ज करा पा रहा है। उन्होंने सीमा सुरक्षा बल की प्रशंसा करते हुए कहा कि आपके नाम मात्र से ही दुश्मनों का दिल दहल जाता है और इसी कारण देश लोकतंत्र के अपनाए हुए विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। श्री अमित शाह ने कहा कि दुनिया के नक़्शे पर भारत अपना स्थान मज़बूत कर रहा है उसमें आप सभी का योगदान बहुत महत्वपूर्ण और अग्रिम पंक्ति में है। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि उन बलिदानियों, वीरों और योद्धाओं को कभी भुलाया नहीं जा सकता जो आज भी, चाहे शून्य से 45 डिग्री कम तापमान हो या 45 डिग्री की गर्मी हो, चाहे लद्दाख की सीमाएं हों या रेगिस्तान की गर्मी हो, चाहे पूर्वी सीमा में नदी-नाले, जंगल, पहाड़ हों, बीएसएफ़ और हमारी सारी पैरामिलिट्री फोर्सेस, सीमा सुरक्षा के काम में लगी हैं, उन्हीं के कारण आज भारत विश्व के नक़्शे पर अपनी गौरवमयी स्थान उपस्थित करा रहा है।

श्री अमित शाह ने कहा कि स्वर्गीय रूस्तम जी ने एक ऐसे बल की शुरूआत की, जिसने अपने पसीने, निष्ठा, मेहनत, सजगता और बलिदान से एक महान कीर्ति स्तंभ की रचना की है जो देश की रक्षा के लिए हज़ारों किलोमीटर से दिखाई पड़ता है। उन्होंने कहा कि 1965 की लड़ाई के बाद सीमावर्ती क्षेत्र के राज्यों की 25 बटालियनों के साथ एक बीज के रूप में सीमा सुरक्षा बल की शुरूआत हुई जो आज एक वटवृक्ष बन चुका है और 2.65 लाख लोगों का परिवार बनकर देश को सुरक्षा मुहैया करा रहा है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि बीएसएफ़ ने एक उच्च बलिदान की परंपरा को स्थापित किया है। उन्होंन कहा कि सीमा सुरक्षा बल की स्थापना के 6 साल बाद ही जब उस समय के पूर्वी पाकिस्तान में सभी तरह के मानवाधिकारों का हनन हो रहा था, अकल्पनीय यातनाएं दी जाती थीं, और जब स्थिति असहनीय हो गई तब उस स्थिति में भारत ने निर्णय किया और बीएसएफ़ के जवानों ने एक अहम भूमिका निभाई और आज बांग्लादेश एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में दुनिया के नक़्शे पर अस्तित्व में है। श्री शाह ने कहा कि चाहे युद्ध काल हो या शांति काल हो, बीएसएफ़ के जवानों ने हमेशा अपने कर्तव्य को निभाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी और इसी का परिणाम है कि सीमा सुरक्षा बल को अनेकों वीरता पुरस्कारों से अलंकृत किया गया है।

श्री अमित शाह ने कहा कि लंबे समय से ही हम हमेशा एक विकट परिस्थिति में रहे कि लगभग 7,516 किलोमीटर की तटीय सीमा और 15 हज़ार किलोमीटर से लंबी भूमि सीमा से हमारे देश को आगे बढ़ना पड़ा और उसी वक्त जरूरत थी कि सीमा सुरक्षा पर ध्यान देकर इसकी संरचना की जाए, लेकिन लंबे अरसे तक इस पर समग्र रूप से विचार नहीं हुआ। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि जब देश में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार बनी तब इसे गति देने का काम हुआ। अटल जी की सरकार में पहली बार ‘वन बॉर्डर, वन फ़ोर्स’ के सिद्धांत को स्वीकार किया गया और इसका एक स्ट्रक्चर्ड खाका शुरू हुआ और सबकी ज़िम्मेदारी तय हुई।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कि मोदी सरकार ने सीमाओं पर इन्फ़्रास्ट्रक्चर के काम को प्राथमिकता से लिया। उन्होंने कहा कि अगर तुलनात्मक तरीक़े से देखें तो वर्ष 2008 से 2014 तक 3,610 किलोमीटर सड़क निर्माण हुआ जबकि वर्ष 2014 से 2020 तक 4,764 किलोमीटर सड़क निर्माण हुआ। इसी प्रकार सड़क निर्माण का बजट 2008-2014 के दौरान 23,000 करोड़ रूपए से बढ़कर 2014-20 के दौरान लगभग 44,000 करोड़ रूपए हो गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का ये दृष्टिकोण है कि जब तक सीमाओं का मूलभूत ढांचा ठीक नहीं करेंगे, तो वहां से पलायन होता रहेगा और अगर वहां आबादी नहीं होगी तो सीमाओं की सुरक्षा करना बहुत कठिन हो जाएगा।

श्री अमित शाह ने कहा वर्ष 2008 से 2014 के दौरान 7,270 मीटर लंबे पुलों का निर्माण हुआ जबकि वर्ष 2014 से 2020 के दौरान ये दोगुना होकर 14,450 मीटर हो गया। वर्ष 2008-14 के दौरान मात्र एक सुरंग (road tunnels) का निर्माण हुआ जबकि वर्ष 2014-2020 के बीच छह नई सुरंगें(road tunnels)बन चुकी हैं और 19 अन्य पर निर्माण कार्य जारी है। एक अन्य महत्वपूर्ण आंकड़ा देते हुए केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सीमाओं पर फ़ेंसिंग गैप्स को भरने के लिए मोदी सरकार ने संवाद करके अड़चनों को दूर किया। उन्होंने ये विश्वास दिलाया कि वर्ष 2022 तकसीमा पर फ़ेंसिंग में कोई गैप नहीं रह जाएगा। उन्होंने कहा कि ये तीन प्रतिशत गैप ही घुसपैठ के लिए संभावनाएं छोड़ता है और बाक़ी 97 प्रतिशत फ़ेंसिंग को बेकार कर देता है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने सीमांत क्षेत्रों के विकास और वहां से पलायन को रोकने के लिए भी ढेर सारी योजनाओं की शुरूआत की। इनके तहत दो वर्षों के लिए 888 करोड़ रुपये की सीमा विकास योजनाएँ शुरू की गई हैं। उन्होंने कहा कि सभी अर्धसैनिक बलों को नोडल एजेंसी बनाने का काम मोदी सरकार ने किया। उन्होंने कहा कि एक सीमांत विकासोत्सव की शुरूआत गुजरात के कच्छ से हुई। इसके अंतर्गत कच्छ की सीमा से सटे गांवों के सरपंच, तहसीलदारों को बुलाकर उनके विकास के प्रश्नों को समझा गया। इससे निश्चित तौर पर गांवों का विकास होगा और वहां से पलायन रुकेगा। श्री अमित शाह ने कहा कि सरकार ने सीमाओं के क्षेत्रों को मज़बूत इन्फ़्रास्ट्रक्चर दिया, गांवों को विकसित किया, सभी पैरामिलिट्री फ़ोर्सेस को अच्छा माहौल दिया, उनकी ज़रुरतों को समझा, वहां रिक्त पदों को भरना जैसे काम किए और एक सुनियोजित योजना के साथ आगे बढ़े हैं।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने यह भी कहा कि मोदी सरकार से पहले देश की स्वतंत्र रक्षा नीति ही नहीं थी और जो भी नीति थी वो देश की विदेश नीति से प्रभावित थी। मोदी सरकार आने के बाद रक्षा नीति स्वतंत्र हुई। उन्होंने कहा कि अच्छी रक्षा नीति के बिना ना तो देश का विकास हो सकता है और ना ही लोकतंत्र पनप सकता है। श्री अमित शाह ने सुरक्षा बलों से ऐसे प्रयास करने का अनुरोध किया जिनसे सीमावर्ती इलाक़ों के गांवों से पलायन रुके क्योंकि ये हमारी ज़िम्मेदारी है कि वहां से पलायन रुके और विकास की सारी योजनाएं पहुंचें।

श्री अमित शाह ने कहा कि सीमा सुरक्षा का मतलब है राष्ट्रीय सुरक्षा और जिस देश की सीमाएं सुरक्षित नहीं, वो राष्ट्र सुरक्षित नहीं रह सकता है। घुसपैठ, मानव तस्करी, गौ तस्करी, हथियारों की तस्करी, ड्रोन जैसी चुनौतियों का ज़िक़्र करते हुए श्री अमित शाह ने देश की पैरामिलिट्री फ़ोर्सेस की सजगता, समयानुकूल बदलाव लाने की उनकी क्षमता पर विश्वास जताया और कहा कि इन सब चुनौतियों को पार करके हम अपनी सीमाओं को सुरक्षित करेंगे।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सीमा सुरक्षा बल ने कई सुरंगों का पता लगाकर उनका वैज्ञानिक एनालिसिस करके एक बहुत अच्छा काम किया है। उन्होंने कहा कि ड्रोन के बढ़ते ख़तरे के ख़िलाफ़ हमारी मुहिम आज बहुत महत्वपूर्ण है और इसे कम करने के लिए डीआरडीओ और अन्य एजेंसियां स्वदेशी तकनीक पर काम कर रही हैं और जल्द ही ड्रोन विरोधी स्वदेशी प्रणाली के साथ सीमाओं पर तैनाती बढ़ेगी।

सुरक्षा बलों की उपलब्धियों का ज़िक़्र करते हुए केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सीमा सुरक्षा बल ने 15 अरब रूपए के नारकोटिक्स पकड़े हैं, साढ़े चार करोड़ रूपए की सोना-चांदी पकड़ी है, 15 आतंकियों को मार गिराया है और लगभग 2000 आतंकियों और घुसपैठियों को पकड़ा है। उन्होंने भविष्य में सीमापार से आर्टीफिश्यिअल इंटेलीजेंस और रोबोटिक्स तकनीक के इस्तेमाल के ख़तरे के प्रति भी आगाह किया और इसके ख़िलाफ़ एक दीर्घकालिक योजना बनाने की ज़रूरत पर बल दिया। श्री शाह ने कहा कि सुरक्षा बलों ने नक्सलविरोधी अभियान में भी बहुत अच्छा काम किया है।

श्री अमित शाह ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को डिटेक्ट करना, सुरंगों का पता लगाना, पोर्टेबल एनक्रिप्टिड सामरिक मोबाइल संचार, एंटी-ड्रोन तकनीक जैसे विषयों पर एक सीरीज़ आफ हैकाथॉन से फ़ायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि सीमा सुरक्षा के बारे में सभी ज़रूरी चीज़ों और तकनीक के बारे में हम आत्मनिर्भर बनना चाहते हैं और हैकाथॉन सीरीज़ से इसमें भी फ़ायदा मिलेगा।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More